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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 04 Dec 2025 01:44:28 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की भारी लापरवाही देखने को मिली है। राज्य स्तरीय समीक्षा में खुलासा हुआ है कि जिले में कुल 2 करोड़ 46 लाख 96 हजार 167 रुपये की दवाएं बिना उपयोग के एक्सपायर हो चुकी हैं। मॉडल अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक ये दवाएं गोदामों में पड़ी-पड़ी खराब हो गईं।
इस गंभीर मामले को देखते हुए अब राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने सख्त तेवर अपनाए हैं। उन्होंने 20 दिसंबर तक सभी एक्सपायर दवाओं का पूरी तरह निस्तारण करने का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही चेतावनी दी है कि तय समयसीमा में काम नहीं हुआ तो सिविल सर्जन, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम प्रबंधक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।
अब से हर महीने की 10 तारीख तक दवाओं का मूल्यांकन अनिवार्य कर दिया गया है। जिन दवाओं की एक्सपायरी डेट में सिर्फ तीन महीने बाकी हों और खपत की संभावना कम हो, उन्हें तुरंत दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों में ट्रांसफर करना होगा। हर महीने 1 से 5 तारीख तक ऐसी दवाओं की लिस्ट तैयार कर सिविल सर्जन को भेजनी होगी और 10 तारीख तक सिविल सर्जन इसके ट्रांसफर पर फैसला लेंगे।
बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन लिमिटेड ने भी अब इस मामले में निगरानी कड़ी कर दी है। एक्सपायर दवाओं का पूरा विवरण DVDMS पोर्टल पर अपडेट करना बंधनकारी होगा। निस्तारण की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रखने के साथ-साथ न्यूनतम नुकसान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार ने कहा है कि मुख्यालय के सभी दिशा-निर्देशों की समीक्षा की जा रही है और उनका सख्ती से पालन कराया जाएगा। इस घटना ने जिले के स्वास्थ्य तंत्र में दवा प्रबंधन की खामियों को उजागर कर दिया है। अब उम्मीद है कि सख्ती से दवाओं का सदुपयोग होगा और सरकारी पैसे की बर्बादी रुकेगी।