1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 28 Dec 2025 09:58:32 AM IST
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cyber fraud 2025 : बिहार में साइबर क्राइम के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। अब उत्तर बिहार के कई बैंकर्स सीबीआई की रडार पर हैं, जिन पर ‘खच्चर खाते’ (म्यूल अकाउंट) खोलने और संचालित करने का आरोप है। ये खाते फर्जी दस्तावेज के आधार पर खोले गए और इनके माध्यम से देश और विदेश से साइबर ठगी की बड़ी रकम ट्रांजैक्शन की गई। शुरुआती जांच में पाया गया कि बैंकर्स की भूमिका संदिग्ध है और वे साइबर ठगों को लाभ पहुंचाने में शामिल थे।
सीबीआई ने 24 दिसंबर को बेतिया और वाराणसी से दो बैंकर्स को गिरफ्तार किया। साथ ही मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सहरसा, और समस्तीपुर समेत कई जिलों में ऐसे खातों के उपयोग और संचालन को लेकर बैंकर्स की जांच की जा रही है। खच्चर खातों का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराधियों को रकम कैश कराने और ट्रेस छिपाने में मदद करना है।
हाल ही में मुजफ्फरपुर में दिल्ली का एक साइबर गिरोह आठ करोड़ रुपये दरभंगा की एक स्वयंसेवी संस्था के खाते में डालकर मुजफ्फरपुर में कैश कर गया। इस मामले में दिल्ली के बड़े गैंग की संलिप्तता भी सामने आई। इस घटना से साफ हुआ कि खच्चर खातों के जरिए अपराधी बड़ी रकम आसानी से ट्रांसफर और कैश कर लेते हैं।
बैंकर्स की संलिप्तता और फर्जी दस्तावेज के इस्तेमाल ने साइबर क्राइम को और भी संगीन रूप दे दिया है। सीबीआई ने बैंकिंग प्रणाली में मौजूद खामियों और निगरानी की कमी को उजागर करते हुए जांच तेज कर दी है। उत्तर बिहार के कई जिले अब खच्चर खातों की गहन जांच के दायरे में हैं, जिससे भविष्य में साइबर ठगी रोकने में मदद मिलेगी।
प्रशासन ने आम जनता को सतर्क रहने की चेतावनी भी दी है और कहा कि कोई भी संदिग्ध लेनदेन होने पर तुरंत संबंधित बैंक या साइबर सेल को सूचना दें। जांच के बाद बैंकर्स और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम साइबर अपराध के खिलाफ राज्य में प्रभावी शिकंजा कसने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।