Sanjeev Mukhiya: संजीव मुखिया की रिमांड अवधि बढ़ी, EOU के सामने अभी कई राज खोलेगा NEET पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड Sanjeev Mukhiya: संजीव मुखिया की रिमांड अवधि बढ़ी, EOU के सामने अभी कई राज खोलेगा NEET पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड पाकिस्तानियों को चुन-चुन कर बाहर निकालने वाला पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश, सीएम योगी कर रहे लगातार मॉनीटरिंग Bihar News: संजय जायसवाल को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत, लोअर कोर्ट की कार्यवाही पर रोक; जानिए.. पूरा मामला Bihar News: संजय जायसवाल को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत, लोअर कोर्ट की कार्यवाही पर रोक; जानिए.. पूरा मामला Road Accident: सड़क दुर्घटना में छात्रा की मौत के बाद हंगामा, थाने के ड्राइवर का भी फूटा सिर, कई गिरफ्तार Pahalgam Terror Attack: FIR के बाद नेहा सिंह राठौर ने फिर उगला जहर, प्रधानमंत्री मोदी को दे दी सीधी चुनौती Bihar Crime News: यूपी की लड़की के साथ बिहार में गैंगरेप, स्टेशन के पास तीन मनचलों ने जबरन किया गंदा काम Bihar News: इस मामले में पूरे देश में अव्वल बना बिहार, राजधानी दिल्ली को भी पीछे छोड़ आगे निकला Bihar News: इस मामले में पूरे देश में अव्वल बना बिहार, राजधानी दिल्ली को भी पीछे छोड़ आगे निकला
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 28 Apr 2025 12:36:22 PM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar Teacher: बिहार में शिक्षा विभाग की योजनाओं में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े के खेल का खुलासा हुआ है। इस मामले में अब तक 36 प्रधानाध्यापकों पर केस दर्ज किया गया है। दरअसल, लखीसराय में विद्यालय विकास योजनाओं के सुदृढ़ीकरण के तहत सरकारी राशि के दुरुपयोग और फर्जीवाड़े के प्रयास का मामला सामने आया है। विभाग के डीपीओ ने टाउन थाना में रविवार को केस दर्ज कराया है।
इस मामले में 52 योजनाओं के तहत 13 संवेदकों (वेंडरों), 36 प्रधानाध्यापकों, एक कनीय अभियंता और एक सहायक सह कार्यपालक को आरोपी बनाया गया है। डीपीओ ने शनिवार रात थाने में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करवाई। उनके द्वारा की गई जांच के अनुसार, 29 योजनाओं में स्थापना शाखा और 23 योजनाओं में लेखा और योजना शाखा के माध्यम से फर्जीवाड़ा किया गया था।
वहीं, मामले की जांच की शुरुआत डीएम द्वारा की गई थी, जिन्होंने कोषागार में भेजे गए 321 योजनाओं की जांच करवाने के लिए एक टीम गठित की थी। इस जांच में 90 योजनाओं में बिना किसी स्थलीय कार्य के ही फर्जी भुगतान की प्रक्रिया अपनाई गई थी। इसके बाद इन 90 योजनाओं में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया गया। फिलहाल 52 योजनाओं में हुए फर्जीवाड़े को लेकर केस दर्ज किया गया है।
मामले को देखते हुए शिक्षा विभाग के 17 प्रधानाध्यापकों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं। इसमें छह वेंडर अमन ट्रेडर्स नया बाजार लखीसराय, नव्या इंटरप्राइजेज वार्ड संख्या 02 लखीसराय, पंकज कुमार रहाटपुर, रजनीकांत रमण आनंदपुर, एसआरएस ट्रेडर्स सेना कुमार सुमन, न्यू पुलिस लाइन लखीसराय शामिल हैं। वहीं डीपीओ के द्वारा 17 प्रधानाध्यापक जयनारायण दास उमवि पचाम चानन, विकास कुमार पासवान उमवि धनवह चानन, सत्यनारायण मंडल प्रावि सुंदरपुर चानन, कृष्णनंदन मिस्त्री उमवि जगुआजोर चानन, आनंद कुमार, मवि लाखोचक चानन, पूनम कुमारी प्रावि बिछवे मुसहरी नीमतर चानन पर केस दर्ज कराया गया है।
इनके अलावा ललन कुमार प्रावि दोगाय लखीसराय, आंजती देवी प्रावि बोधनगर रामगढ़ चौक, मंटुन रजक मवि लोशघानी कजरा, जानकी प्रसाद रविदास उमवि राता हलसी, शिव बालक प्रसाद प्रावि नीमचक लखीसराय, रंजीत कुमार प्रावि नेमदारगंज लखीसराय, मुकेश कुमार मवि मकदमपुर, राकेश कुमार मवि नोनगढ़ रामगढ़ चौक, राम सागर यादव, उमवि भनपुरा हलसी, मकेश्वर महतो डीपीईपी सिरखिंडी हलसी एवं धर्मेन्द्र कुमार प्रावि सूर्यगढ़ा के विरूद्ध नामजद केस दर्ज कराया गया है।
इस फर्जीवाड़े में शिक्षा विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे, जिन्होंने सरकारी योजनाओं के तहत की गई कार्यों की रिपोर्ट में गड़बड़ी की और बिना काम किए ही भुगतान जारी करवा लिया। इस घोटाले से न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ, बल्कि यह छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ था।
डीपीओ ने मामले में कड़ी कार्रवाई की अपील की है और विभागीय अधिकारियों से जांच के दौरान मिली साक्ष्यों के आधार पर सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है। इसके साथ ही विभाग ने यह भी आश्वासन दिया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त निगरानी रखी जाएगी।
फिलहाल, मामले की जांच जारी है और विभाग इस फर्जीवाड़े में संलिप्त सभी आरोपियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए गंभीरता से कार्य कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही अन्य योजनाओं की भी जांच की जाएगी, ताकि पूरे घोटाले का सच सामने आ सके।