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Bihar News: जांच रिपोर्ट के बाद वेतन की होगी वसूली...SP ने RTI से दी जानकारी, सिपाहियों के संघ के 'नेता' का फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर फरार रहने का हुआ था खुलासा

लखीसराय जिला बल का सिपाही 11 महीने तक फर्जी मेडिकल रिपोर्ट के सहारे ड्यूटी से गायब रहा. जांच के बाद लखीसराय एसपी ने उसे सस्पेंड कर विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी है। जांच रिपोर्ट के बाद वेतन की वसूली होगी.

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Fri, 16 May 2025 02:14:47 PM IST

बिहार पुलिस सस्पेंशन, फर्जी मेडिकल रिपोर्ट, अवैध बालू कारोबार, सिपाही नरेंद्र कुमार, लखीसराय पुलिस, बिहार RTI मामला, भोजपुर ट्रक एसोसिएशन, बिहार न्यूज 2025

- फ़ोटो Google

Bihar News: बिहार का एक सिपाही 11 महीने से बड़े-बड़े अधिकारियों को ठेंगा दिखा रहा था. फर्जी मेडिकल रिपोर्ट लगाकर लंबे समय से ड्यूटी से गायब रहकर बालू का अवैध धंधा कर रहा था. अवैध बालू के  ओवर लोडेड गाड़ियों के पार कराने की सूचना पर जब पुलिस अधीक्षक ने जांच कराई तो पूरी पोल-पट्टी खुल गई. इसके बाद एसपी ने आरोपी पुलिसकर्मी को सस्पेंड किया है. एसपी ने आरटीआई से जानकारी दी है कि जांच में प्रमाण पत्र सतही पाये जाने के बाद आरोपी सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया है. विभागीय जांच रिपोर्ट के आधार पर वेतन रिकवरी की जा सकती है.  

अजय कुमार यादव ने लखीसराय के एसपी से मांगी थी जानकारी

दरअसल, भोजपुर के अजय कुमार यादव ने लखीसराय के एसपी से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी. उन्होंने आरटीआई से पूछा था कि सिपाही संख्या-108 नरेंद्र कुमार जो लखीसराय जिला बल में पदस्थापित हैं, वे लंबे समय से चिकित्सीय अवकाश पर चल रहे हैं. उनके पिछले 1 वर्ष का वेतन देने का आधार बताएं. साथ ही चिकित्सीय प्रमाण पत्र संलग्न करें. इस संबंध में पुलिस अधीक्षक लखीसराय की तरफ से लखीसराय के पुलिस उपाधीक्षक रक्षित ने 9 मई को जानकारी दी है . जिसमें कहा है कि सिपाही संख्या-108 को चिकित्सीय अवकाश पर जाने की जांच की गई. जांच से चिकित्सीय प्रमाण पत्र सतही पाया गया है. जिसके आधार पर उन्हें निलंबित कर विभागीय जांच प्रारंभ की गई है. विभागीय जांच के फलाफल के बाद निकासी की गई वेतन पर निर्णय लिया जाएगा.

 भोजपुर जिला ट्रक ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष की शिकायत पर हुई जांच

भोजपुर जिला ट्रक ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार ने लखीसराय एसपी से शिकायत की थी. जिसमें कहा गया था कि लखीसराय जिला बल के सिपाही द्वारा चार पहिया वाहन में पुलिस के एक संघ के प्रदेश अध्यक्ष का बोर्ड लगाकर भोजपुर एवं अरवल जिला में अवैध बालू का कारोबार किया जा रहा है. ओवरलोडेड बालू गाड़ियों को एस्कॉर्ट कर वह सिपाही पार कराता है. लखीसराय जिला बल का वह सिपाही पिछले कई माह से मेडिकल अवकाश लेकर इस प्रकार का अवैध धंधा कर रहा है .

जांच में 11 माह से मिले गायब

अजय कुमार की शिकायत पर लखीसराय के पुलिस अधीक्षक ने पुलिस केंद्र के पुलिस उपाधीक्षक से जांच कराई. जिसमें पाया गया कि उक्त सिपाही 11 माह पूर्व से ही ड्यूटी से गायब है. उक्त सिपाही के द्वारा स्वयं का इलाज पीएमसीएच पटना में करवाने का मेडिकल प्रमाण पत्र भेजा गया है. प्रमाण पत्र की सत्यता के लिए पुलिस अधीक्षक ने 21 मार्च 2025 को पीएमसीएच अधीक्षक को पत्र भेजा. 7 अप्रैल 2025 को पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) खुद पीएमसीएच गए और कार्यालय सहायक राकेश कुमार से मिलकर सत्यापन प्रतिवेदन मांग किया. अस्पताल की पंजी एवं अभिलेख की जांच कर बताया गया कि उक्त सिपाही को पीएमसीएच पटना से ना तो कोई मेडिकल प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है और नहीं भी इलाज के लिए भर्ती हुए हैं. लखीसराय एसपी ने इसके बाद पीएमसीएच के अधीक्षक इंद्र मोहन ठाकुर से संपर्क किया गया. उक्त सिपाही के इलाज एवं भर्ती के संबंध में पूछताछ की गई. जिसमें उन्होंने बताया कि उक्त अवधि में सिपाही नरेंद्र कुमार को न तो इलाज के लिए भर्ती किया गया है और न ही इलाज किया गया है. ऐसे में लखीसराय के एसपी ने 16 अप्रैल 2025 के प्रभाव से ही उक्त सिपाही को निलंबित कर दिया और विभागीय कार्यवाही के लिए स्पष्टीकरण मांगा था.