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पुलिस संघ के पूर्व नेता इस बार फंसे...जा सकती है नौकरी ! निलंबन के बाद SP ने शुरू कराई विभागीय जांच, फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट लगाने का खेल उजागर

लखीसराय में तैनात सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज पर फर्जी मेडिकल लगाकर 11 महीने से ड्यूटी से गायब रहने और अवैध बालू कारोबार में संलिप्त होने के गंभीर आरोप हैं। एसपी ने जांच के बाद सस्पेंड कर विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी है।

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Thu, 22 May 2025 12:48:45 PM IST

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Bihar News: बिहार के एक सिपाही पर गंभीर आरोप हैं. फर्जी मेडिकल रिपोर्ट लगाकर लंबे समय से ड्यूटी से गायब रहकर बालू का अवैध धंधा करने का आरोप है. अवैध बालू के  ओवर लोडेड गाड़ियों के पार कराने की सूचना पर जब पुलिस अधीक्षक ने जांच कराई तो पूरी पोल-पट्टी खुल गई. इसके बाद एसपी ने आरोपी पुलिसकर्मी को सस्पेंड किया. अब विभागीय कार्यवाही भी शुरू की गई है. मामला पुलिस संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का है. 

सिपाही संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ विभागीय कार्यवाही 

लखीसराय के पुलिस अधीक्षक ने निलंबित सिपाही सं.108 नरेंद्र कुमार धीरज के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश जारी किया है. 20 मई को लखीसराय एसपी के जिलादेश में कहा गया है कि निलंबित सिपाही के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलेगी. इसके लिए साईबर डीएसपी को जांच प्राधिकार पदाधिकारी नियुक्त किया है. इंस्पेक्टर राजेश कुमार रंजन को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी बनाया गया है. लखीसराय एसपी ने समय सीमा के अंदर त्रुटिरहित जांच प्रतिवेदन सौंपने का निर्देश दिया है. 

भोजपुर जिला ट्रक ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष की शिकायत पर हुई जांच

भोजपुर जिला ट्रक ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार ने लखीसराय एसपी से शिकायत की थी. जिसमें कहा गया था कि लखीसराय जिला बल के सिपाही द्वारा चार पहिया वाहन में पुलिस के एक संघ के प्रदेश अध्यक्ष का बोर्ड लगाकर भोजपुर एवं अरवल जिला में अवैध बालू का कारोबार किया जा रहा है. ओवरलोडेड बालू गाड़ियों को एस्कॉर्ट कर वह सिपाही पार कराता है. लखीसराय जिला बल का वह सिपाही पिछले कई माह से मेडिकल अवकाश लेकर इस प्रकार का अवैध धंधा कर रहा है .

जांच में 11 माह से मिले गायब

अजय कुमार की शिकायत पर लखीसराय के पुलिस अधीक्षक ने पुलिस केंद्र के पुलिस उपाधीक्षक से जांच कराई. जिसमें पाया गया कि उक्त सिपाही 11 माह पूर्व से ही ड्यूटी से गायब है. उक्त सिपाही के द्वारा स्वयं का इलाज पीएमसीएच पटना में करवाने का मेडिकल प्रमाण पत्र भेजा गया है. प्रमाण पत्र की सत्यता के लिए पुलिस अधीक्षक ने 21 मार्च 2025 को पीएमसीएच अधीक्षक को पत्र भेजा. 7 अप्रैल 2025 को पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) खुद पीएमसीएच गए और कार्यालय सहायक राकेश कुमार से मिलकर सत्यापन प्रतिवेदन मांग किया. अस्पताल की पंजी एवं अभिलेख की जांच कर बताया गया कि उक्त सिपाही को पीएमसीएच पटना से ना तो कोई मेडिकल प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है और नहीं भी इलाज के लिए भर्ती हुए हैं. लखीसराय एसपी ने इसके बाद पीएमसीएच के अधीक्षक इंद्र मोहन ठाकुर से संपर्क किया गया. उक्त सिपाही के इलाज एवं भर्ती के संबंध में पूछताछ की गई. जिसमें उन्होंने बताया कि उक्त अवधि में सिपाही नरेंद्र कुमार को न तो इलाज के लिए भर्ती किया गया है और न ही इलाज किया गया है. ऐसे में लखीसराय के एसपी ने 16 अप्रैल 2025 के प्रभाव से ही उक्त सिपाही को निलंबित कर दिया और विभागीय कार्यवाही के लिए स्पष्टीकरण मांगा था.