Bihar News: ठेका रद्द-पैसा जब्त…और वसूली की खुली छूट, अधिकारी का अजब-गजब आदेश ! नगर विकास विभाग के E.O. ने 'बस स्टैंड' के नाम भी पर भी पैदा किया 'कन्फ्यूजन'

लखीसराय नगर परिषद के E.O.का अजब-गजब आदेश सामने आया है।बस पड़ाव की बंदोबस्ती रद्द करने के पत्र में एक जगह लालू बस पड़ाव और दूसरी जगह अंबेडकर बस पड़ाव लिखा. हैरानी की बात यह कि ठेका रद्द- अग्रधन जब्त करने के बाद उसी ठेकेदार को वसूली का जिम्मा दे दिया.

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Tue, 16 Dec 2025 12:46:12 PM IST

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Bihar News: नगर विकास विभाग के अधिकारी भी अजब-गजब के आदेश जारी कर रहे. पत्र देखकर अधिकारियों की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ जा रही है. मामला लखीसराय से जुड़ा है जहां, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के पत्र पर सवाल उठ रहे हैं. अधिकारी को यह भी जानकारी नहीं कि जिस बस स्टैंड की नीलामी रद्द की है, उसका असली नाम क्या है . एक ही पत्र में एक जगह लालू बस पड़ाव बताया है, वहीं दूसरी जगह पर अंबेडकर बस पड़ाव का उल्लेख किया है. इतना ही नहीं, जिस ठेकेदार की निविदा रद्द कर अग्रधन राशि जब्त की गई, फिर उसे ही अगली बंदोबस्ती होने तक ठेका वसूली का जिम्मा दे दिया गया. जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं. 

9 दिसंबर को लालू बस पड़ाव की बंदोबस्ती रद्द करने का पत्र जारी ...  

लखीसराय नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने 9 दिसंबर 2025 को लालू बस पड़ाव बंदोबस्ती रद्द करने का पत्र जारी किया . टेंडर लेने वाले ठेकेदार को पत्र लिखा गया, जिसमें लालू बस पड़ाव की बन्दोबस्ती रद्द करने के संबंध में जानकारी दी गई है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि बन्दोबस्ती आम सूचना सं० - 07/2025-26 के माध्यम से लालू बस पड़ाव की बन्दोबस्ती 1,62,81,000 रू में की गई. जिसका एकरारनामा 18 सितंबर 2025 से 17 सितंबर 2026 तक के लिए किया गया. 

ठेकेदार ने आधी राशि ही जमा किया...जो निविदा शर्त का उल्लंधन

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने ठेकेदार को लिखे अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि 10 सितंबर 2025 एवं 15 सितंबर के पत्र के आलोक में आपको (ठेकेदार) बन्दोबस्त राशि और स्टाम्प एवं निबंधन शुल्क जमा करने के लिए आदेश दिया गया. लेकिन ठेकेदार ने कुल बन्दोबस्त की आधी राशि 82,81,000 रू ही कार्यालय में जमा की है. बन्दोबस्ती की पूर्ण राशि जमा करने के लिए कार्यालय द्वारा 26 सितंबर 2025 को, साथ कई बार मौखिक तौर पर भी राशि जमा करने निदेश दिया गया. लेकिन राशि जमा नहीं की गई। एकरारनामा के बाद लगभग 02 माह बीत जाने के बाद भी राशि जमा नहीं किया गया जो निविदा के नियम एवं शर्त के कंडिका 01 एवं 02 का पूर्ण उल्लंघन है.

निविदा रद्द और अग्रधन की राशि जब्त करने का आदेश 

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने ठेकेदार को अंतिम मौका देने का निर्णय लिया . 28 नवंबर को ठेकेदार को 07 दिनों का समय देते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया. इसके बाद भी पूर्ण बन्दोबस्त राशि और स्टाम्प एवं निबंधन शुल्क जमा नहीं किया. ठेकेदार ने और अधिक समय देने का अनुरोध किया. इसके बाद लखीसराय नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी ने निविदा के नियम एवं शर्तों की कंडिका 01 एवं 02 के आधार पर निर्णय लिया कि अम्बेडकर बस पड़ाव की बन्दोबस्ती तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है. साथ ही निविदा की शर्त के मुताबिक अग्रधन की राशि को जब्त करने का निर्णय लिया जाता है । 

लखीसराय में अंबेड़कर बस पड़ाव है या लालू बस पड़ाव ?

कार्यपालक पदाधिकारी के पत्र से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. एक ही पत्र में उन्होंने लखीसराय बस पड़ाव को लालू बस पड़ाव बताया है. वहीं  नीचे में अंबेडकर बस पड़ाव उल्लेख किया है. सवाल यही है कि कार्यपालक पदाधिकारी को पता नहीं कि उनके क्षेत्राधिकार में जिसका उन्होंने ठेका दिया, फिर रद्द किया उसका असली नाम क्या है. 

सवालों के घेरे में आदेश---अगली बंदोबस्ती होने तक वसूली जारी रखने का फरमान 

कार्यपालक पदाधिकारी ने निविदा रद्द कर अग्रधन राशि जब्त करने के बाद आगे जो आदेश दिया है वो चौंकाने वाला है. ठेकेदार को लिखे पत्र में कार्यपालक पदाधिकारी ने लिखा है कि  चूँकि आपके द्वारा लगभग 06 माह अवधि की राशि कार्यालय में जमा की गयी है. लिहाजा कार्यहित को देखते हुए अगली बन्दोबस्ती होने तक, आपको बंदोबस्ती की वसूली जारी रखने की अनुमति दी जाती है । नये सिरे से बंदोबस्त होने के बाद आपके द्वारा जमा राशि का नियमानुकुल समायोजन करते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी