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Bihar News: बिहार में बना देश का सबसे बड़ा बैटरी आधारित सोलर बिजली घर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे उद्घाटन

Bihar News: बिहार के लखीसराय जिले के कजरा में देश का सबसे बड़ा बैटरी आधारित सौर बिजली घर बनकर तैयार हो गया है। यह परियोजना देश में अपनी तरह की पहली और सबसे बड़ी है, जिसमें सौर ऊर्जा के साथ अत्याधुनिक बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली को जोड़ा गया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 07 Sep 2025 07:10:52 AM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar News: बिहार के लखीसराय जिले के कजरा में देश का सबसे बड़ा बैटरी आधारित सौर बिजली घर बनकर तैयार हो गया है। यह परियोजना देश में अपनी तरह की पहली और सबसे बड़ी है, जिसमें सौर ऊर्जा के साथ अत्याधुनिक बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली को जोड़ा गया है। इस बिजली घर का औपचारिक उद्घाटन इसी महीने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया जाएगा।


यह बिहार की पहली ऐसी ऊर्जा परियोजना है जो निर्धारित समय से पहले पूरी हुई है। इसे जनवरी 2026 तक पूरा किया जाना था, लेकिन कंपनी की सख्त निगरानी और कुशल कार्यान्वयन के चलते इसे सितंबर 2025 में ही पूरा कर लिया गया। यह राज्य सरकार की परियोजना प्रबंधन क्षमता का एक बड़ा उदाहरण है।


इस बिजली घर से राज्य को पीक आवर (शाम के समय) में प्रतिदिन 45.4 मेगावाट बिजली चार घंटे तक मिलेगी। इससे बिहार राज्य विद्युत कंपनी को बाजार से महंगी बिजली खरीदने की आवश्यकता कम हो जाएगी, जिससे राज्य के बिजली खर्च में बड़ी बचत होगी। बिहार विद्युत विनियामक आयोग (BERC) ने कजरा से बिजली लेने की अनुमति पहले ही प्रदान कर दी है।


दो चरणों में हो रहा निर्माण, कुल क्षमता 301 मेगावाट सौर और 495 मेगावाट-घंटा बैटरी संग्रहण इस परियोजना का निर्माण 1232 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है, जिसे दो चरणों में विभाजित किया गया है।


पहला चरण पूरा हो चुका है, जिसमें- 

भूमि क्षेत्र: 689 एकड़

सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता: 185 मेगावाट (AC)

बैटरी संग्रहण क्षमता: 254 मेगावाट-घंटा

पीक आवर बिजली आपूर्ति: 45.4 मेगावाट (4 घंटे तक)

अनुमानित लागत: ₹1570 करोड़

कार्यादेश जारी: 1 जुलाई 2024

निर्माण पूर्ण: सितंबर 2025


दूसरा चरण (निर्माणाधीन)

भूमि क्षेत्र: लगभग 400 एकड़ (घनी वनस्पतियों को छोड़कर)

सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता: 116 मेगावाट (AC)

बैटरी संग्रहण क्षमता: 241 मेगावाट-घंटा

पीक आवर बिजली आपूर्ति: 50.5 मेगावाट (4 घंटे तक)

अनुमानित लागत: 880.27 करोड़

निर्माण की समयसीमा: दिसंबर 2026 तक पूरा होने की संभावना


इन दोनों चरणों के पूरा होने के बाद यह संयंत्र कुल 301 मेगावाट सौर ऊर्जा और 495 मेगावाट-घंटा बैटरी संग्रहण क्षमता के साथ कार्य करेगा, जो इसे देश की सबसे बड़ी सौर+बैटरी हाइब्रिड परियोजना बनाता है।


ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि आने वाला समय हरित ऊर्जा का है। बिहार इस दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। कजरा बिजली घर परियोजना राज्य सरकार की हरित ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस परियोजना से बिहार को न केवल ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी, बल्कि यह राज्य के कार्बन उत्सर्जन को कम करने, स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में भी एक मजबूत कदम है।


तकनीकी और आर्थिक लाभ

ऊर्जा लागत में कमी

स्थानीय रोजगार सृजन

रिन्युएबल एनर्जी ग्रिड स्टेबिलिटी

बिजली कटौती में कमी

क्लाइमेट एक्शन गोल में योगदान (SDG 7 & 13)


यह परियोजना भारत सरकार के ग्रीन एनर्जी मिशन के तहत एक मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में देखी जा रही है। भविष्य में ऐसे और संयंत्रों की योजना अन्य राज्यों में भी लागू की जा सकती है।