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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 19 Jun 2025 12:25:17 PM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार में मानसून ने हाल ही में दस्तक दी है और इसके साथ ही कई जिलों में भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। गया जिले में पिछले दो दिनों से हो रही मूसलधार बारिश के कारण गुरुवार सुबह फल्गु नदी में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे मानपुर के फोर लेन पुल के नीचे रह रहे 12 खानाबदोश लोग पानी में फंस गए।
दरअसल, गुरुवार सुबह फल्गु नदी के पचंदेवधाम घाट के समीप स्थित नए फोर लेन पुल के नीचे तेज़ बहाव और जलस्तर बढ़ने के कारण वहां सो रहे खानाबदोश लोग अचानक पानी से घिर गए। तेज धार और लबालब नदी को देखकर वे घबराकर चिल्लाने लगे। मानपुर मुफस्सिल थाना क्षेत्र में पड़ने वाले इस स्थान पर जब स्थानीय लोगों ने चीख-पुकार सुनी तो तुरंत मदद के लिए दौड़ पड़े।
स्थानीय लोगों ने तुरंत पास के तैराक युवकों को बुलाया। संतोष कुमार नामक युवक ने बताया कि उन्हें फोन पर सूचना मिली कि कुछ लोग नदी में फंसे हैं, जिसके बाद वे तैराक साथियों के साथ मौके पर पहुंचे। कुछ लोगों को तैरकर, तो कुछ को रस्सियों की मदद से पुल के ऊपर से खींचकर सुरक्षित निकाला गया।
कुछ देर बाद एसडीआरएफ की टीम नाव लेकर मौके पर पहुंची, और सभी 12 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता पाई। हालांकि, तीन बकरियां और खानाबदोश परिवारों के कुछ सामान तेज धार में बह गए। स्थानीय लोगों ने साहस दिखाने वाले युवाओं की प्रशंसा की और जिला प्रशासन से बचाव में लगे युवकों को सम्मानित करने की मांग की है। कई लोगों ने बताया कि यदि समय पर मदद न पहुंचती, तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।
पानी में फंसे लोग बंजारन समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जो झुंड में रहते हैं और रोज़मर्रा की जिंदगी गुज़ारने के लिए छोटा-मोटा सामान बेचते या मांगते हैं। आमतौर पर ये लोग पुल के नीचे या घाट किनारे अस्थायी ठिकाना बना लेते हैं और मौसम के अनुसार स्थान बदलते रहते हैं। बुधवार रात को भी बारिश और गर्मी से बचने के लिए इन्होंने पुल के नीचे ऊंचे स्थान पर डेरा डाला था, लेकिन भारी बारिश के कारण पानी अचानक बढ़ गया।
फल्गु नदी में आई इस बाढ़ को लेकर अब स्थानीय प्रशासन भी सतर्क हो गया है। संभावित खतरे को देखते हुए निचले इलाकों में रहने वालों को अलर्ट किया गया है और तटवर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है। इस घटना ने एक बार फिर दिखाया कि आपदा की घड़ी में स्थानीय समुदाय और प्रशासन का तालमेल किस तरह जान बचा सकता है। साथ ही यह सवाल भी उठता है कि नदी किनारे और पुलों के नीचे रह रहे खानाबदोश परिवारों के लिए स्थायी समाधान की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।