कैमूर में आपसी विवाद में चली चाकू, 15 वर्षीय किशोर की इलाज के दौरान मौत बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की जयंती: युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक बोले..‘श्रीबाबू में थी प्रधानमंत्री बनने की क्षमता’ कटिहार की सियासत में बड़ा उलटफेर: 30 साल बाद राजद से छिनी परंपरागत सीट, अब वीआईपी के खाते में Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में EC की सख्ती का असर, अबतक 71 करोड़ रुपये से अधिक कैश, शराब और ड्रग्स जब्त Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में EC की सख्ती का असर, अबतक 71 करोड़ रुपये से अधिक कैश, शराब और ड्रग्स जब्त आरा में दर्दनाक सड़क हादसा: स्कॉर्पियो और बाइक की टक्कर में दो दोस्तों की मौके पर मौत जमुई विधानसभा चुनाव से पहले पुलिस की बड़ी कार्रवाई: AK-47 का मैगजीन और दो जिंदा कारतूस बरामद Rakhi Sawant Trolled: दिवाली की रात मां की कब्र पर शैंपेन की बोतल लेकर पहुंची ड्रामा क्वीन राखी सावंत, वीडियो देखकर भड़के यूजर्स Rakhi Sawant Trolled: दिवाली की रात मां की कब्र पर शैंपेन की बोतल लेकर पहुंची ड्रामा क्वीन राखी सावंत, वीडियो देखकर भड़के यूजर्स Bihar Crime News: बिहार में अपहरण और लूट की बड़ी साजिश नाकाम, वारदात से पहले पुलिस ने पांच अपराधियों को दबोचा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 09 Aug 2025 10:50:10 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो Google
Bihar News: गंगा के बढ़ते जलस्तर से पूर्वी बिहार के गंगा किनारे बसे जिलों में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। शुक्रवार से भागलपुर की लाइफलाइन माने जाने वाले एनएच-80 पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हो गया है। सबौर-कहलगांव के बीच बीएच एनएच के डाइवर्जन में सीपेज के कारण सीओ ने भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी है। वहीं, पश्चिम की ओर भागलपुर-सुल्तानगंज के बीच भवनाथपुर में एनएच-80 पर गंगा का पानी आर-पार बहने लगा है, जिससे सड़क पर आवागमन लगभग ठप हो गया है।
खगड़िया जिले में गंगा और गंडक दोनों नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंडक नदी का पानी एनएच-31 तक पहुंच चुका है। निचले इलाकों के लोग अब एनएच पर शरण लेने को मजबूर हैं। शहर के लोहिया नगर और कृष्णापुरी मोहल्लों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है।
कटिहार जिले में भी नदियों के जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है। कुरसेला, बरारी, मनिहारी और अमदाबाद प्रखंड के दो दर्जन से अधिक गांव जलमग्न हो चुके हैं। स्थानीय प्रशासन ने नावों की मदद से राहत व बचाव कार्य शुरू किया है।
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय, नवगछिया से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार शाम मदरौनी में कोसी नदी खतरे के निशान (31.48 मीटर) से चार सेंटीमीटर ऊपर 31.52 मीटर पर बह रही थी। वहीं, गंगा नदी इस्माईलपुर-बिंद टोली में 33.25 मीटर पर बह रही है, जो उच्चतम जहाज 33.50 मीटर से केवल 25 सेंटीमीटर नीचे है। मुख्य अभियंता इं. अनवर जमील ने सभी संवेदनशील इलाकों में 24 घंटे निगरानी का आदेश दिया है।
गंगा के जलस्तर में तेज वृद्धि से गोराडीह प्रखंड में बाढ़ की स्थिति भयावह हो चुकी है। चार स्थानों पर करीब चार फीट पानी चढ़ जाने से पांच पंचायतों के लगभग 50 गांवों का जिला मुख्यालय से सीधा संपर्क टूट गया है। लोग अब 25 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाकर आ-जा रहे हैं।
नदियामा और योगिया में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है। आवागमन पूरी तरह ठप है। पंचायत सरकार भवन, ई-किसान भवन, व्यापार मंडल गोदाम और नवनिर्मित सीएससी भवन तक में पानी घुस गया है और ये चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।
भागलपुर, खगड़िया और कटिहार जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। नावों और मोटरबोट से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। प्रशासन ने लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है और कई जगहों पर अस्थायी शिविर बनाए गए हैं।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में उत्तर बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे नदियों के जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है।