Bihar News: बिहार के इस रेलवे स्टेशन का होगा कायाकल्प, खर्च किए जाएंगे ₹25 करोड़

Bihar News: भागलपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म का होगा विस्तार, 25 करोड़ खर्च कर 2, 3, 4, 6 नंबर प्लेटफॉर्म को 24 कोच क्षमता वाला बनाया जाएगा। कर्व लाइन होगी सीधी, यात्रियों को बड़ी राहत।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 02 Nov 2025 07:34:33 AM IST

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प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: बिहार के भागलपुर जंक्शन पर यात्रियों की लंबे समय से चली आ रही परेशानी अब दूर होने वाली है। रेलवे बोर्ड ने स्टेशन के प्लेटफॉर्म विस्तार के लिए 25 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी है, जिससे प्लेटफॉर्म नंबर 2, 3, 4 और 6 को लंबा किया जाएगा। वर्तमान में 16-20 कोच वाली ट्रेनें प्लेटफॉर्म से बाहर लटक जाती हैं, जिससे चढ़ने-उतरने में खासी दिक्कत होती है। विस्तार के बाद ये समस्या हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएगी और कर्व लाइन नंबर 1 व 2 को सीधा कर पॉइंट्स हटाने से संचालन सुगम हो जाएगा। टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और चुनाव की घोषणा से पहले ही यह परियोजना मंजूर हो गई थी।


भागलपुर जंक्शन मालदा डिवीजन का प्रमुख स्टेशन है और यह लंबे प्लेटफॉर्मों की कमी से जूझ रहा था। प्लेटफॉर्म 2 और 3 की लंबाई वर्तमान में 430-492 मीटर है, यह 20 कोच तक समा लेती है, लेकिन विक्रमशिला एक्सप्रेस जैसी 24 कोच वाली ट्रेनों के लिए अपर्याप्त साबित होती है। इसका विस्तार लोहिया पुल की ओर होगा, ताकि बोगियां प्लेटफॉर्म के बाहर न रहें। 


प्लेटफॉर्म 4 की लंबाई 611 मीटर से बढ़ाकर 621 मीटर की जाएगी। कर्व लाइनों को स्ट्रेटलाइन से जोड़ने से ईस्ट और वेस्ट पैनल खत्म हो जाएंगे, जिससे ट्रेनों का टर्नआउंड समय कम होगा। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, "यह वर्क यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए है। टेंडर जल्द फाइनल होगा और काम 2026 तक पूरा हो जाएगा।"


यह विस्तार अमृत भारत स्टेशन योजना का हिस्सा है और स्टेशनों को आधुनिक बनाने पर केंद्रित है। भागलपुर में पहले से ही फुट ओवर ब्रिज और वेटिंग हॉल का कार्य चल रहा है और यह प्रोजेक्ट उनका पूरक होगा। यात्रियों का कहना है कि छोटे प्लेटफॉर्मों से दुर्घटनाओं का खतरा रहता था, अब यह खतरा भी कम हो जाएगा।


भागलपुर जंक्शन पर प्रतिदिन 2 लाख से अधिक यात्री गुजरते हैं और यह कोलकाता-दिल्ली रूट का महत्वपूर्ण स्टॉपेज है। इस विस्तार से लोकल ट्रेनों का संचालन भी बेहतर होगा और मालगाड़ियों की पार्किंग भी आसान हो जाएगी। रेलवे बोर्ड की मंजूरी के बाद टेंडर प्रक्रिया तेज हो गई है और ठेकेदार चयन के बाद काम शुरू होगा।