Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों का तांडव, पूर्व मुखिया के भतीजे को गोलियों से भूना; हत्या की वारदात से हड़कंप Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों का तांडव, पूर्व मुखिया के भतीजे को गोलियों से भूना; हत्या की वारदात से हड़कंप वोटर अधिकार यात्रा बिहार और देश में परिवर्तन की शुरुआत: मुकेश सहनी वोटर अधिकार यात्रा बिहार और देश में परिवर्तन की शुरुआत: मुकेश सहनी Katihar Crime News: कटिहार पुलिस ने सतीश हत्याकांड का किया खुलासा, वारदात को अंजाम देने वाले दो बदमाश अरेस्ट Katihar Crime News: कटिहार पुलिस ने सतीश हत्याकांड का किया खुलासा, वारदात को अंजाम देने वाले दो बदमाश अरेस्ट लालमुनी चौबे का जीवन राष्ट्र और समाज को समर्पित : अवधेश नारायण सिंह Patna News: पटना में सड़क हादसे के बाद बीच सड़क पर पलटा दूध का टैंकर, लोगों में लूटने की मची होड़ Patna News: पटना में सड़क हादसे के बाद बीच सड़क पर पलटा दूध का टैंकर, लोगों में लूटने की मची होड़ Pitru Paksha 2025: गयाजी में विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेला 2025 का हुआ शुभारंभ, बिहार सरकार के मंत्री ने किया उद्घाटन
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 06 Sep 2025 05:45:47 PM IST
BIHAR NEWS - फ़ोटो BIHAR NEWS
BIHAR NEWS – बिहार से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। भागलपुर जिले में बच्चों के डूबने से बड़ा हादसा हो गया। जानकारी के मुताबिक, जिले के नाथनगर थाना क्षेत्र के अजमेरीपुर गांव में नदी में नहाने गए चार बच्चों में से तीन की मौत हो गई, जबकि एक की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। इस दर्दनाक हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
शनिवार को अजमेरीपुर गांव के चार बच्चे पास के रसीदपुर घाट पर नहाने के लिए गए थे। ग्रामीणों के अनुसार, नदी में पानी का बहाव काफी तेज था और घाट पर गहराई भी अधिक थी। बच्चों को अंदाजा नहीं था कि पानी का स्तर कितना बढ़ चुका है। जैसे ही वे थोड़ा आगे बढ़े, अचानक उनका पैर फिसल गया और सभी गहरे पानी में समा गए।
ग्रामीणों ने जब बच्चों को डूबते देखा तो तुरंत शोर मचाया। कुछ लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश भी की, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। इस दौरान दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, तीसरे बच्चे की हालत गंभीर हो गई और उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया।
पुलिस और ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, इस हादसे में जिन मासूमों की जान गई है, उनमें –
13 वर्षीय रबला कुमार, पिता का नाम प्रवीण मंडल
14 वर्षीय राजा कुमार, पिता का नाम लक्ष्मी मंडल
शामिल हैं।
वहीं, 12 वर्षीय रामू कुमार, पुत्र गोपी मंडल की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी स्थिति को नाजुक बताया। परिवारजन लगातार अस्पताल में मौजूद हैं और बच्चे की सलामती की दुआ कर रहे हैं।
जैसे ही बच्चों के डूबने की खबर फैली, पूरे गांव में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हर किसी की जुबान पर बस यही सवाल है कि आखिर इतनी छोटी उम्र में इन मासूमों की जिंदगी क्यों खत्म हो गई।
गांव के लोगों का कहना है कि इस घाट पर अक्सर बच्चे और लोग नहाने के लिए जाते हैं। लेकिन बाढ़ और लगातार हो रही बारिश के कारण नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। बावजूद इसके बच्चों ने इस खतरे को नजरअंदाज कर दिया और नदी में नहाने चले गए। यही लापरवाही उनकी जान ले ली।
हादसे की सूचना मिलते ही नाथनगर थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि घटना दुखद है और परिजनों को हर संभव मदद दिलाई जाएगी। साथ ही प्रशासन की ओर से भी पीड़ित परिवारों को आपदा राहत नियमों के तहत मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इसी बीच, भागलपुर में एक और दर्दनाक हादसा हुआ। जानकारी के मुताबिक, वार्ड नंबर 21 के काली ठाकुर लैंड इलाके में बाढ़ के पानी में डूबकर 12 वर्षीय मनीष कुमार की मौत हो गई। ग्रामीणों ने बच्चे को बचाने की कोशिश की, लेकिन गहरे पानी में डूबने के कारण उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
घटना की खबर मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस घटना से भी इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। लगातार हो रही बारिश और बाढ़ जैसे हालात से ग्रामीण बेहद परेशान हैं।
भागलपुर में लगातार हो रहे इन हादसों ने प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि नदी घाट और बाढ़ प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
ग्रामीणों का कहना है कि जिन इलाकों में पानी का स्तर अधिक है, वहां बैरिकेडिंग होनी चाहिए और चेतावनी बोर्ड लगाए जाने चाहिए। इसके अलावा, घाट पर तैराकों की टीम या नाव की सुविधा भी होनी चाहिए ताकि आपातकालीन स्थिति में तुरंत मदद मिल सके।
यह हादसा बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। अक्सर ग्रामीण इलाकों में बच्चे अकेले ही नदी या तालाब में नहाने चले जाते हैं, जहां उनकी निगरानी के लिए कोई मौजूद नहीं होता। यह लापरवाही कई बार जानलेवा साबित हो जाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में बच्चों को जलस्तर और पानी के खतरों के बारे में जागरूक करना बेहद जरूरी है। साथ ही, माता-पिता को भी बच्चों पर नजर रखनी चाहिए और उन्हें बाढ़ जैसे समय में नदी-तालाब में जाने से रोकना चाहिए।
अजमेरीपुर और काली ठाकुर लैंड दोनों इलाकों में इस घटना के बाद मातम पसरा हुआ है। हर कोई मृतक बच्चों के परिवार के साथ खड़ा है। गांव के लोग परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं, लेकिन मासूमों की असमय मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है।
परिजनों का कहना है कि अभी तक वे इस सदमे से बाहर नहीं आ पाए हैं। जिन बच्चों के साथ अभी खेल-कूद की उम्र थी, उनकी मौत ने पूरे परिवार की दुनिया उजाड़ दी है।
भागलपुर प्रशासन ने भी इस घटना पर गहरा दुख जताया है। अधिकारियों का कहना है कि परिजनों को हर संभव मदद दी जाएगी और पीड़ित परिवारों के साथ प्रशासन खड़ा है। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि बाढ़ और भारी बारिश के दौरान नदी-तालाब में जाने से परहेज करें।