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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 11 Oct 2025 03:00:36 PM IST
लोजपा (रामविलास) की प्रतीकात्मक फाइल तस्वीर - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव में जितने बदनाम चेहरे हैं, वो चुनाव लड़ने को बेचैन हैं. कुख्यात से लेकर विख्यात नेता चुनाव लड़ने को बेताब हैं. एनडीए के एक घटक दल के नेता हैं जो बदनाम हैं. उन पर शिक्षक की पिटाई करवाने से लेकर सीओ को दफ्तर से उठवाने,दुकानदार को धमकाने-पिटाई करने से लेकर एएसडीओ को धमकी देने के आरोप हैं. सिर्फ आरोप नहीं बल्कि आमलोगों से लेकर अधिकारियों ने उसके खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया. जिसकी प्रताड़ना से आम और खास सब परेशान हैं. वो नेता एनडीए के घटक(लोजपा रामविलास) से टिकट लेने को बेताब है. सवाल यही है कि जब इस तरह के नेताओं को एनडीए से उम्मीदवार बनाने की तैयारी है, तब राजद-वामदल और एनडीए में अंतर क्या रह जायेगा ?
लोजपा (रामविलास) के एक नेता औरंगाबाद जिले की एक विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे. ओबरा विधानसभा सीट से चिराग पासवान के एक ऐसे नेता हैं जिन पर गंभीर आरोप हैं. बाहर के नहीं बल्कि अपने क्षेत्र के लोगों को प्रताड़ित करना ही इस नेता का एकमात्र ड्यूटी रह गई है. 2020 विधानसभा चुनाव हारने के बाद लोजपा(रामविलास) के इस नेता ने अंचल अधिकारी से लेकर शिक्षक-दुकानदार-एएसडीओ को धमकाया-पिटवाया. ऐसा नेता अब खुद को जनता का रहनुमा साबित करने में जुटा है. एनडीए से चुनाव लड़ने को लेकर दिन-रात एक किए हुए है.
लोजपा(रामविलास) के इस नेता पर दूसरे थानों की बात छोड़िए सिर्फ औरंगाबाद के दाउदनगर थाने में गंभीर धाराओं में तीन केस दर्ज हैं. 17 जून 2022 को दाउदनगर के अंचल अधिकारी ने इस नेता के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस सं- 331/22 दर्ज कराया था. एक एएसडीओ ने लोजपा के इस नेता के खिलाफ दाउदनगर थाने में 109/2020 दर्ज कराया था. इस केस में भी गंभीर धाराएं लगाई गईं. वहीं एक ढाबा संचालक ने लोजपा नेता के खिलाफ दाउदनगर थाने में ही 505/22 दर्ज कराया था. वहीं इसी विधानसभा क्षेत्र के एक सरकारी शिक्षक की जमकर पिटाई कराई गई थी. उस मामले में भई नेता जी व उनके सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था.
जब अंचल अधिकारी को ऑफिस से उठाने की कोशिश की
बात जून 2022 की है. जब लोजपा(रामविलास) के एक नेता व उसके हथियारबंद गुंडों ने दाउदनगर अंचलाधिकारी को जबरन उठाने का प्रयास किया था। दाउदनगर के अंचल अधिकारी विजय कुमार ने थाने में दिए आवेदन में बताया था कि 15 जून को वे अपने कार्यालय में बैठकर काम कर रहे थे. इसी बीच मेरे निजी मोबाइल पर लोजपा नेता ($$$$$####) का फोन आया. हम फोन नहीं उठा पाये, क्योंकि मैं ऑफिशियल नंबर पर किसी दूसरे व्यक्ति से बात कर रहा था. इसी बीच अंचल अमीन के मोबाइल से मेरे सरकारी नंबर पर फोन आया. मुझे बताया गया कि लोजपा (रानविलास) के नेता बात करना चाहते हैं. जब मैंने बात करनी शुरू की तो उक्त नेता गाली गलौज करने लगा. साथ ही मुझे अपने ऑफिस में बुलाया.
दाउदनगर थाने में केस दर्ज कराया था
दाउदनगर सीओ ने आवेदन में आगे लिखा था...फोन करने के 5 मिनट के अंदर ही लोजपा नेता के हथियारबंद गुंडे मेरे दफ्तर पहुंच गए. वे लोग मेरे साथ बदतमीजी करने लगे. इतना ही नहीं वे लोग हमें जबरन उठाकर ले जाने का प्रयास करने लगे. इस दौरान हाथापाई होने लगी. अंचल गार्ड की सहायता से किसी तरह से हमारी जान बची. इसके बाद मुझे धमकी देते हुए और हथियार लहराते हुए सभी भाग गए. इस दौरान कई आवश्यक कागजातों को भी नष्ट कर दिया गया है. इस संबंध में हमने तत्काल इसकी जानकारी औरंगाबाद डीएम को दी. दाउदनगर सीओ ने पुलिस से गुहार लगाते हुए कहा था....इन सभी व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज कर कठोर कानूनी कार्यवाही की जाय. सीओ ने 15 जून को केस दर्ज करने का आवेदन दिया था, लेकिन केस दर्ज करने में दाउदनगर थाने की पुलिस टालमटोल करती रही। वरीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद केस दर्ज किया गया था। दाउदनगर पुलिस 331/22 केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू की. हालांकि लोजपा(रामविलास) के नेता की इतना तगड़ी सेटिंग थी कि सीओ के केस में बाल-बांका नहीं हुआ.