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15-Oct-2025 07:58 AM
By First Bihar
Diwali 2025: दिवाली पर सोना और चांदी खरीदने की परंपरा बहुत पुरानी है, लेकिन इस समय इनकी कीमतें बहुत ज़्यादा हो गई हैं। ऐसे हालात में डिजिटल गोल्ड एक नया और आसान तरीका बनकर सामने आया है, जिसमें लोग बिना सोना छुए भी निवेश कर सकते हैं। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड (असल सोना) में क्या फर्क है, और आपके लिए कौन-सा बेहतर विकल्प हो सकता है।
दिवाली पर सोना खरीदना: फिजिकल गोल्ड या डिजिटल गोल्ड – कौन सा बेहतर है?
भारत में सोना सिर्फ ज़ेवर पहनने के लिए नहीं, बल्कि निवेश के लिए भी बहुत पसंद किया जाता है। खासकर धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारों पर लोग सोने के आभूषण, सिक्के या बार (गोल्ड बार) खरीदते हैं।
अब लोग डिजिटल गोल्ड यानी ऑनलाइन सोना खरीदने की तरफ भी ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि इसकी कीमतें कम में भी शुरुआत करने की सुविधा देती हैं।
फिजिकल गोल्ड – परंपरागत तरीका
सोने के गहनों और सिक्कों को आप पहन सकते हैं, तोहफे में दे सकते हैं, और कीमत बढ़ने पर बेच भी सकते हैं।
लेकिन इसमें मेकिंग चार्ज, GST, और लॉकर की फीस जैसी लागत जुड़ती है।
इसके अलावा, चोरी या नुकसान का भी खतरा रहता है।
डिजिटल गोल्ड – नया और सुविधाजनक विकल्प
इसे सिर्फ ₹10 से भी खरीदा जा सकता है।
कोई मेकिंग चार्ज नहीं लगता।
सोना सुरक्षित तिजोरी में रखा जाता है और आपको डिजिटल रसीद (receipt) मिलती है।
आप इसे कभी भी ऑनलाइन बेच सकते हैं और पैसा सीधे बैंक में पा सकते हैं।
यह उन लोगों के लिए बढ़िया है जो कम पैसे से निवेश करना चाहते हैं और जरूरत पड़ने पर जल्दी कैश पाना चाहते हैं।
कौन ज़्यादा किफायती है?
डिजिटल गोल्ड में 3% GST और थोड़ा सा सालाना चार्ज लगता है, जो साफ-साफ बताया जाता है। फिजिकल गोल्ड में मेकिंग चार्ज, GST और लॉकर चार्ज जैसी चीजें ज़्यादा खर्चीली होती हैं। इसलिए, छोटे निवेश के लिए डिजिटल गोल्ड सस्ता और आसान है।
बड़ी राशि का निवेश करना है तो?
अगर आप ₹2–3 लाख या उससे ज्यादा का निवेश करना चाहते हैं, तो फिजिकल गोल्ड (बार या सिक्के) अच्छा विकल्प हो सकता है — बशर्ते आप भरोसेमंद जौहरी से खरीदें।लेकिन अगर आप ₹100–₹10,000 जैसी छोटी रकम से धीरे-धीरे निवेश करना चाहते हैं, तो डिजिटल गोल्ड बेहतर रहेगा।
Liquidity यानी पैसे की तुरंत ज़रूरत पर कौन काम आता है?
डिजिटल गोल्ड आप किसी भी समय बेच सकते हैं और पैसा तुरंत बैंक में आ जाता है।
फिजिकल गोल्ड बेचते समय कई बार परेशानी होती है, जैसे – शुद्धता की जांच, रेट में कटौती, और समय लगना।
इसलिए जल्दी पैसे की जरूरत हो तो डिजिटल गोल्ड ज्यादा सुविधाजनक है।
सुरक्षा – कौन ज्यादा सुरक्षित है?
डिजिटल गोल्ड सुरक्षित तिजोरी में स्टोर होता है और समय-समय पर ऑडिट भी होता है।
इसमें चोरी या लॉकर की चिंता नहीं होती।
इसकी सुरक्षा उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर करती है जिससे आप इसे खरीदते हैं।
फिजिकल गोल्ड आपके पास रहता है, लेकिन इसमें चोरी, खोने या नुकसान का खतरा बना रहता है।अगर आप छोटे पैमाने पर निवेश करना चाहते हैं और आसानी से खरीद-बेच करना चाहते हैं, तो डिजिटल गोल्ड एक स्मार्ट विकल्प है।अगर आप पारंपरिक तरीका पसंद करते हैं और बड़ी रकम लगाना चाहते हैं, तो फिजिकल गोल्ड भी सही हो सकता है, लेकिन उसमें ज़्यादा सावधानी की जरूरत होती है।