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Amalaki Ekadashi 2025: आमलकी एकादशी कब, पुण्यदायी व्रत और विष्णु सहस्त्रनाम का महत्व जानें

आमलकी एकादशी का पर्व फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह शुभ तिथि सोमवार, 10 मार्च को पड़ी है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

Amalaki Ekadashi 2025

04-Mar-2025 06:25 AM

By First Bihar

Amalaki Ekadashi 2025: आमलकी एकादशी हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। यह व्रत फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है। इस वर्ष, आमलकी एकादशी सोमवार, 10 मार्च को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु और आंवला वृक्ष की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि आती है।


आमलकी एकादशी का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। आमलकी एकादशी विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन आंवले के वृक्ष में स्वयं भगवान विष्णु का वास होता है, इसलिए आंवले की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।


विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ एवं उसका प्रभाव

आमलकी एकादशी पर विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ का विशेष महत्व बताया गया है। विष्णु सहस्त्रनाम भगवान विष्णु के एक हजार नामों का संग्रह है, जिसका पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है। विशेष रूप से जिन लोगों की कुंडली में राहु और केतु की अशुभ स्थिति होती है, उनके लिए इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।


आमलकी एकादशी व्रत की विधि

आमलकी एकादशी के दिन प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु की पूजा करें। व्रतधारी को इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए। विष्णु सहस्त्रनाम या श्रीहरि के मंत्रों का जाप करें। धूप, दीप, फूल और नैवेद्य अर्पित करें। ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें। अगले दिन द्वादशी तिथि को पारण करके व्रत संपन्न करें।


आमलकी एकादशी का लाभ

इस व्रत को करने से सभी प्रकार के पाप समाप्त हो जाते हैं। घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है। ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है। मोक्ष की प्राप्ति होती है। आमलकी एकादशी एक पावन पर्व है जो भक्ति और साधना का विशेष महत्व रखता है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा तथा विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह व्रत साधकों के लिए मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।