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01-May-2025 03:58 PM
By FIRST BIHAR
Bihar Politics: केंद्र सरकार ने पूरे देश में जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर बिहार में क्रेडिट पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। आरजेडी जहां इसे लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव की जीत बता रही है तो वहीं वहीं कांग्रेस इसे राहुल गांधी की उपलब्धि बता रही है। उधर, सत्ताधारी दल दावा कर रहे हैं कि देश में जाति आधारित जनगणना पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की देन है।
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के यह कहने पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालू प्रसाद क अरमानों को पूरा किया है, इसपर तेजस्वी ने कहा कि लालू प्रसाद लगातार इसके लिए संघर्ष करते रहे। सड़क से लेकर सदन तक हमेशा से जाति जनगणना कराने की मांग को उठाते रहे हैं। लालू प्रसाद ने जो 30 साल पहले लड़ाई लड़ी। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद, यहां जाति आधारित गणना कराया।
साल 2015 में भी लालू प्रसाद ने कहा था कि जितने आरएसएस वाले हैं उनका कान पकड़कर भी यह काम करवाना पड़ेगा तो करवाएंगे। आज इनलोगों ने मजबूरी में यह काम करने का फैसला लिया है। क्या सम्राट चौधरी के कहने का यह मतलब है कि हम लोगों के एजेंडे पर ही यह लोग काम कर रहे हैं। बिहार में जाति आधारित गणना की जो रिपोर्ट आई, उसके आधार पर राज्य में 65 फीसद आरक्षण की बात की गई लेकिन केंद्र सरकार ने उसे 9वीं अनुसूचि में शामिल नहीं किया।
बीजेपी की सरकार को बताना चाहिए कि हमलोगों ने 65 फीसद आरक्षण बढ़ाया तो उसे 9वीं अनुसूचि में क्यों नहीं डाला गया। ऐसे ही जाति जनगणना चार साल लेट चल रहा है। 2021 में होना था लेकिन 2025 हो गया। परिसिमन से पहले हो जाना चाहिए लेकिन देखिए कबतक होता है। यह लालू प्रसाद और हमलोगों की विचारधारा की जीत हुई है। हमलोगों ने बड़ी लड़ाई लड़ने के बाद इसे हासिल किया है।