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30-Apr-2025 05:53 PM
By First Bihar
Caste Census In India: मोदी कैबिनेट ने बुधवार को अहम फैसला लिया है। मोदी सरकार ने देश में जाति जनगणना कराने का फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जातियों की गणना जनगणना में होगी। केंद्र सरकार के इस ऐलान के बाद एक बार फिर से इसे लेकर राजनीति शुरू हो गयी है। इस घोषणा के बाद तीखी प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गयी है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पीएम मोदी की घोषणा के बाद अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स से ट्वीट करते हुए लिखा कि' मेरे जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते दिल्ली में हमारी संयुक्त मोर्चा की सरकार ने 1996-97 में कैबिनेट से 2001 की जनगणना में जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया था जिस पर बाद में NDA की वाजपेयी सरकार ने अमल नहीं किया। 2011 की जनगणना में फिर जातिगत गणना के लिए हमने संसद में जोरदार माँग उठाई।
मैंने, स्व॰ मुलायम सिंह जी, स्व॰ शरद यादव जी ने इस माँग को लेकर कई दिन संसद ठप्प किया और बाद में प्रधानमंत्री स्व॰ मनमोहन सिंह जी के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराने के आश्वासन के बाद ही संसद चलने दिया। देश में सर्वप्रथम जातिगत सर्वे भी हमारी 17 महीने की महागठबंधन सरकार में बिहार में ही हुआ। जिसे हम समाजवादी जैसे आरक्षण, जातिगणना, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता इत्यादि 30 साल पहले सोचते है उसे दूसरे लोग दशकों बाद फॉलो करते है। जातिगत जनगणना की माँग करने पर हमें जातिवादी कहने वालों को करारा जवाब मिला। अभी बहुत कुछ बाक़ी है। हम इन संघियों को हमारे एजेंडा पर नचाते रहेंगे। #CasteCensus #LaluYadav'
वही लालू प्रसाद यादव के छोटे लाल तेजस्वी यादव ने भी जति आधारित जनगणना की घोषणा के बाद कहा कि यह सामाजिक न्याय आंदोलन की एतिहासिक जीत है। उन्होंने कहा कि अब हमारी बारी है, पिछड़ों के लिए सीट आरक्षण हमारी अगली लड़ाई है। तेजस्वी ने पीएम मोदी के इस ऐलान पर कहा कि जातीय गणना कराए जाने को लेकर हम प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक गए, लेकिन हमारी मांग को अनसुना कर दिया गया।
अब जब हमारे कदमों की आहट दिल्ली तक पहुंच गई तब उन्हें भी झुकना पड़ गया। तेजस्वी ने कहा कि उनकी पार्टी अब केवल जातिगत गिनती तक सीमित नहीं रहेगी। तेजस्वी ने आगे कहा कि जैसे दलित और आदिवासी भाई-बहनों के लिए आरक्षित सीटें तय हैं, वैसे ही पिछड़ों और अति पिछड़ों को भी उनका हक मिलना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देशभर में जातीय जनगणना कराए जाने की यह हमारी तीन दशक पुरानी मांग थी। लेकिन इसे सत्ता में मौजूद लोगों ने खारिज कर दिया था। लेकिन अब स्थिति ऐसी हो गयी है कि केंद्र को हमारे एजेंडे पर ही काम करना पड़ रहा है।
जाति आधारित जनगणना करने को लेकर केंद्र सरकार के ऐलान पर तेजस्वी ने कहा कि आज हमारी जीत हुई है. हम लोग तो कब से यह मांग कर रहे थे। इसे लेकर हमलोग प्रधानमंत्री से मिल भी चुके हैं। ये लोग हमारे ही बात को दोहरा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी चुनाव को देखकर काम करती है। तेजस्वी यादव ने कहा कि परिसीमन से पहले ही जातीय जनगणना हो जानी चाहिए।