Dularchand Yadav murder Case: दुलारचंद यादव को कुचलने वाली कार की तलाश जारी, अब अनंत सिंह से होगी पुछताछ; CBI ने संभाली जांच की कमान बसपा प्रत्याशी चितरंजन कुमार को AIMIM ने दिया समर्थन, रोमांचक हुई वजीरगंज विधानसभा चुनाव Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे Bihar Election 2025: बिहार के इस नक्सल प्रभावित इलाके में 73 साल बाद होगी वोटिंग, चुनाव को लेकर मतदाताओं में भारी उत्साह ब्रजेश ऑटोमोबाइल्स महिन्द्रा ने रचा नया कीर्तिमान, सितम्बर-अक्टूबर में 2035 वाहनों की डिलीवरी Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला Bihar Election 2025: ‘लालू-नीतीश ने बिहार के बच्चों की पीठ पर मजदूरी का बोरा बांधा’, प्रशांत किशोर का बड़ा हमला ISRO GSAT-7R Launch: ISRO ने नौसेना के लिए एडवांस्ड सैटेलाइट GSAT-7R को किया लॉन्च, अंतरिक्ष से समुद्री सीमा की होगी सख्त निगरानी ISRO GSAT-7R Launch: ISRO ने नौसेना के लिए एडवांस्ड सैटेलाइट GSAT-7R को किया लॉन्च, अंतरिक्ष से समुद्री सीमा की होगी सख्त निगरानी
02-May-2025 08:16 AM
By First Bihar
Jitan Ram Manjhi: जातीय जनगणना को लेकर बिहार की सियासत में बयानबाजी तेज होती जा रही है। इस बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर करारा प्रहार किया है।
मांझी ने जातीय जनगणना पर चल रही क्रेडिट पॉलिटिक्स को लेकर सवाल उठाते हुए कहा, “तीस साल पहले बिहार और केंद्र में किसकी सरकार थी? अगर जातीय जनगणना की मांग तीस साल से थी तो लालू यादव की सरकार रहते इसे करवा क्यों नहीं लिया गया?”
तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना को समाजवादियों की जीत बताया था और कहा कि यह उनकी पार्टी की वर्षों पुरानी मांग थी। उन्होंने दावा किया कि उनकी 17 महीने की सरकार में बिहार में जातीय सर्वे हुआ और उसी दबाव का नतीजा है कि अब केंद्र ने भी यह फैसला लिया है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हम प्रमुख मांझी ने कहा कि सिर्फ मांग करने से कुछ नहीं होता, सत्ता में रहते हुए फैसला लेना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जातीय जनगणना का निर्णय लेकर सराहनीय कार्य किया है, जिससे देश के पिछड़े वर्गों को लाभ मिलेगा। मांझी ने स्पष्ट किया कि इस ऐतिहासिक निर्णय का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया जाना चाहिए, न कि केवल पुरानी मांग दोहराने वालों को। राजनितिक दलों में क्रेडिट लेने की होड़ मची हुई है, ऐसे में मांझी का यह बयान इस सियासी घमासान को और गरमाने वाला है।