Bihar election: कमजोर वर्ग के वोटरों की सुरक्षा को लेकर डीजीपी ने कसी कमर,कहा - दागियों-दबंगों पर होगी सख्त कार्रवाई Bihar election: बिहार चुनाव 2025: पहले चरण के मतदान से पहले पीएम नरेंद्र मोदी 2 नवंबर को पटना में करेंगे रोड शो Chhath Puja 2025: लोक आस्था का महापर्व छठ का दूसरा दिन, उपेन्द्र कुशवाहा की पत्नी ने किया खरना पूजा, छठी मईया से बिहार की तरक्की की कामना Chhath puja 2025: लगातार दूसरे दिन अजय सिंह ने छठ व्रतियों के बीच किया पूजन सामग्री का वितरण Bihar Election 2025 : जदयू विधायक दामोदर रावत का ग्रामीणों से विरोध, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल; जानिए क्या है पूरा मामला Chhath puja : पीएम मोदी ने मन की बात में दी छठ महापर्व की शुभकामनाएं, कहा - घर घर बन रहे ठेकुआ, सज रहे घाट Bihar Election 2025 : बीयर लेकर बिहार आए यूपी के पूर्व विधायक धनंजय कन्नौजिया गिरफ्तार, बीजेपी चुनाव प्रचार मामला, कोर्ट ने भेजा जेल Bihar BJP leader : पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद डॉ. संजय जयसवाल से 10 करोड़ की रंगदारी, बेटे को जान से मारने की धमकी central government employees: केंद्रीय कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा बढ़ी, इन लोगों पर नहीं लागू होंगे नियम “अक्षरा सिंह ने खेसारी लाल यादव पर बोला हमला, कहा - वो तो खुलेमाम मेरा ...,ज्योति सिंह को दिया खुला समर्थन”
16-Jun-2025 09:49 AM
By First Bihar
Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(NDA) के घटक दलों के बीच सियासी हलचल तेज होती जा रही है। एनडीए में शामिल छोटे दल अब अपनी-अपनी ताकत दिखाने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में 29 जून को एक बार फिर बिहार की राजनीति में 'सियासी संडे' देखने को मिलेगा, जब दो प्रमुख एनडीए नेता चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा अलग-अलग जिलों में विशाल जनसभाएं करने जा रहे हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान 29 जून को राजगीर में 'बहुजन भीम संकल्प समागम' को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम राजगीर हॉकी मैदान के पास स्टेट गेस्ट हाउस परिसर में आयोजित किया जाएगा। एलजेपी-आर के सांसद अरुण भारती, जो चिराग के जीजा भी हैं, उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए इस जनसभा की घोषणा की और कहा कि यह रैली बहुजनों की नई राजनीतिक चेतना का शंखनाद होगी। वहीं उन्होंने लिखा है कि बहुजन अब किसी की भी B टीम नहीं बनेगा। अबकी बार न झांसे में आएगा, न झुकेगा।
वहीं दूसरी ओर, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी इसी दिन गया के गांधी मैदान में 'संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार महारैली' को संबोधित करेंगे। आरएलएम के महासचिव रामपुकार सिन्हा ने दावा किया है कि इस रैली में मगध क्षेत्र के विभिन्न जिलों से 25,000 से अधिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। कुशवाहा की यह रैली मगध क्षेत्र को राजनीतिक संदेश देने के उद्देश्य से की जा रही है। इससे पहले वे शाहाबाद और उत्तर बिहार में भी इसी प्रकार की रैलियां कर चुके हैं।
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में संभावित हैं। एनडीए में फिलहाल बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी-रामविलास, आरएलएम और हम पार्टी (जीतनराम मांझी) शामिल हैं। लेकिन गठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अभी तक तय नहीं हुआ है। ऐसे में यह रैलियां गठबंधन के भीतर अपनी-अपनी राजनीतिक हैसियत को दिखाने का जरिया बन गई हैं।
चिराग पासवान पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह बिहार की राजनीति में पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं और संभव है कि इस बार खुद विधानसभा चुनाव लड़ें। वहीं उपेंद्र कुशवाहा, जो खुद को ईबीसी और पिछड़े वर्गों के बड़े नेता के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, लगातार रैलियों के जरिए जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये रैलियां न सिर्फ ज़मीन पर समर्थन दिखाने का माध्यम हैं, बल्कि बीजेपी और जेडीयू को सीटों की मांग के लिए दबाव बनाने का प्रयास भी हैं। गठबंधन की एकजुटता चुनाव के नज़दीक आने के साथ-साथ इन छोटी पार्टियों की संतुष्टि पर भी निर्भर करेगी।