ब्रेकिंग न्यूज़

स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती: युवा चेतना सुप्रीमो रोहित कुमार सिंह ने समारोह का किया उद्घाटन BJP दफ्तर में आपस में भिड़े भाजपा कार्यकर्ता, जमकर चले लात-घूंसे, पार्टी ने लिया एक्शन पटना में चलती स्कॉर्पियों में लगी भीषण आग, बीच सड़क पर धू-धूकर कर जली कार 28 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में HAM का दलित समागम, मंत्री संतोष सुमन ने तैयारियों का लिया जायजा success story: 8 वीं पास महिला ने घर से शुरू किया बिजनेस, चंद महीनों में ही कमाने लगी लाखों रुपए पार्टी के दौरान दो दोस्तों के बीच बिगड़ गई बात, एक ने दूसरे का कान काट कर खाया; जानिए.. पूरा मामला Bihar Road Accident: दो बाइक की टक्कर में एक की मौत, दो की हालत नाजुक, आक्रोशित लोगों ने किया सड़क जाम हंगामा Bihar cabinet expantion: बदनाम ठेकेदार 'एसपी सिंगला' के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई औऱ 3 दिन में 'मंत्री' बदल गए, नीतीश सरकार में चल क्या रहा है ? NEET 2025 की तैयारी पर GOAL में विशेष सेमिनार, बिपिन सिंह ने कहा..छात्रों के लिए दो माह महत्वपूर्ण मोतिहारी में महिला तस्कर गिरफ्तार, भारी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप और नशीली टैबलेट बरामद

Bihar cabinet expansion: बीजेपी में क्या है दलितों और यादवों की हैसियत? कैबिनेट विस्तार के बाद उठ रहे सवाल

Bihar cabinet expansion

27-Feb-2025 04:56 PM

Bihar cabinet expansion: बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों के बंटवारे के बाद दलित, महादलित और यादव नेताओं की स्थिति को लेकर सवाल उठने लगे हैं। NDA के सहयोगी दलों में भी नाराजगी के संकेत दिखने लगे हैं। हम पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को बड़ा झटका लगा है, वहीं यादव समाज को भी BJP ने इस बार तवज्जों नहीं दी है।


बिहार NDA के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी का कद लगातार घटता नजर आ रहा है। इस बार हुए मंत्रिमंडल विस्तार में उनके बेटे संतोष सुमन को कम अहमियत दी गई। पहले संतोष सुमन के पास तीन मंत्रालय थे, लेकिन अब उनकी जिम्मेदारी घटा दी गई है। जीतन राम मांझी ने झारखंड और दिल्ली में विधानसभा चुनावों के लिए सीटों की मांग की थी, लेकिन BJP ने उन्हें एक भी सीट नहीं दी। मांझी बार-बार NDA में अपनी मजबूती का दावा करते रहे हैं, लेकिन BJP का यह रुख उनकी सियासी स्थिति पर सवाल खड़ा कर रहा है।


यादव नेताओं की अनदेखी, मंत्रिमंडल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं! बिहार की राजनीति में यादव समुदाय का खासा प्रभाव है। जातीय जनगणना के मुताबिक, बिहार में यादवों की आबादी 14.26% है, लेकिन इस बार BJP ने किसी भी यादव नेता को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया। यह BJP की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिससे साफ है कि पार्टी अब यादव वोट बैंक पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहती। BJP को शायद लगता है कि यादव वोटर अब भी RJD के साथ मजबूती से जुड़े हुए हैं, इसलिए उन्हें अधिक महत्व देने की जरूरत नहीं है।


नए मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ ऐसे नाम सामने आए हैं, जिन पर सवाल उठ रहे हैं। राजू सिंह की विवादित छवि को लेकर कई लोग असहमत हैं। जिवेश मिश्रा को भी उनकी जाति के नेताओं का समर्थन नहीं मिल रहा, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ता दिख रहा है।