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25-Feb-2022 06:48 AM
PATNA : विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान एनडीए गठबंधन के दो बड़े दलों जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी को छोटे घटक दल परेशान कर सकते हैं। एनडीए गठबंधन में शामिल जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और मुकेश सहनी की वीआईपी के तेवर बजट सत्र के दौरान कैसे रहेंगे इसका संकेत मिलना शुरू हो गया है। दरअसल बीती रात पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी के विधायकों की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में पार्टी के विधायक डॉ अनिल कुमार, ज्योति मांझी और प्रफुल्ल मांझी मौजूद रहे। इस दौरान सभी विधायकों ने बिहार में बढ़ी हुई अफसरशाही को लेकर नाराजगी जताई है। बैठक में मांझी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अधिकारियों की मनमानी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सत्र के दौरान इस मसले को पार्टी उठाएगी।
विधायकों की बैठक के में अपना रुख स्पष्ट करते हुए जीतन राम मांझी ने संकेत दे दिया है कि बजट सत्र सरकार के लिए आसान नहीं रहने वाला। जरूरत पड़ेगी तो मान ही अफसरशाही के मसले पर विपक्ष के साथ खड़े रहेंगे। बजट सत्र के दौरान हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की रणनीति क्या होगी इसको लेकर भी चर्चा हुई। पार्टी के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो विधायकों ने अपने नेता को स्पष्ट बता दिया कि अफसरशाही हावी होने के कारण पदाधिकारी उनकी बात नहीं सुनते और विकास की योजनाएं उनके इलाकों में प्रभावित हो रही हैं।
उधर बजट सत्र को लेकर वीआईपी अध्यक्ष और मंत्री मुकेश सहनी ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सहनी फिलहाल यूपी चुनाव पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। उनके निशाने पर नीतीश कुमार से ज्यादा इस वक्त भारतीय जनता पार्टी नजर आती है। यूपी में अपना राजनीतिक दखल बढ़ाने के लिए बेचैन सहनी 5 मार्च तक बजट सत्र पर ज्यादा फोकस कर पाएंगे इसमें भी संदेह है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को होना है और 5 मार्च को चुनाव प्रचार थमने तक सहनी यूपी में ही व्यस्त रह सकते हैं। कुल मिलाकर कहें तो 10 मार्च को यूपी समेत अन्य विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बिहार विधानमंडल के बजट सत्र में नई सियासी गर्मी देखने को मिल सकती है।