Jharkhad DGP Tadasha Mishra: झारखंड की पहली महिला DGP बनीं तदाशा मिश्रा, पदभार ग्रहण करने के बाद क्या बोलीं? Jharkhad DGP Tadasha Mishra: झारखंड की पहली महिला DGP बनीं तदाशा मिश्रा, पदभार ग्रहण करने के बाद क्या बोलीं? Bihar Election 2025: यूपी के रेलवे स्टेशन से करीब एक करोड़ कैश के साथ पकड़ा गया मोकामा का शख्स, बिहार चुनाव से तार जुड़ने की आशंका Bihar Election 2025: यूपी के रेलवे स्टेशन से करीब एक करोड़ कैश के साथ पकड़ा गया मोकामा का शख्स, बिहार चुनाव से तार जुड़ने की आशंका Bihar Election 2025 : ऐतिहासिक मतदान के बाद चुनावी समर में बढ़ा सियासी तापमान, PM मोदी ने कहा - अब नहीं चाहिए कट्टा सरकार Bihar Election 2025: संपत्ति के नाम पर कुछ भी नहीं, फिर भी बिहार चुनाव में आजमा रहे किस्मत, कौन हैं BSP उम्मीदवार सुनील चौधरी? Bihar assembly election : 'खानदानी लुटेरे फिर से लूटने आए हैं, लालटेन डकैती का साधन', बिहार में दिखा सीएम योगी का अलग अंदाज़; कहा - जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं Delhi Airport : दिल्ली एयरपोर्ट से नहीं उड़ी फ्लाइट, यात्री करते रहे लंबा इंतजार; जानिए क्या रही वजह Bihar Election 2025: केंद्रीय मंत्री के हेलीकाप्टर को लैंडिंग की नहीं मिली अनुमति, करना पड़ा लंबा इंतजार; जानिए क्या रही वजह? Bihar accident news : बिहार में दो दर्दनाक हादसे: चुनावी ड्यूटी से लौट रहे शिक्षक और दो युवकों की मौत, मातम का माहौल
28-Apr-2022 09:11 PM
BEGUSARAI: बिहार में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा सरकार करती है लेकिन इसकी असली हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है। हम बात बेगूसराय की कर रहे है जहां एक शख्स अपने कलेजे के टुकड़े को कंधे पर लेकर अस्पताल का चक्कर लगाता रहा। बेटे के इलाज के लिए वह एक वार्ड से दूसरे वार्ड में दौड़ता रहा लेकिन उसकी किसी ने मदद नहीं की।
सदर अस्पताल में वह मासूम को लेकर इधर उधर भटकता रहा और बच्चे को बचा लेने की अपील करता लेकिन बाप के कंधे पर ही बेटे ने दम तोड़ दिया। इलाज के अभाव में बेटे की मौत के बाद जब शव ले जाने के लिए वह एम्बुलेंस खोजने लगा तब ड्राइवर एंबुलेंस खराब होने का बहाना बनाकर अपना पिंड छुड़ाते दिखा। थक हार कर बेबस बाप ने ई-रिक्शे वाले को बुलाया जिसके बाद अपने बेटे के शव को लेकर वह घर के लिए निकला।
बेगूसराय के सदर अस्पताल का एक बार फिर अमानवीय चेहरा सामने आया जहां एक अपने मासूम बेटे की जान बचाने के लिए एक बाप को सदर अस्पताल में भटकना पड़ गया और आखिरकार पिता के कंधे पर ही बेटे ने दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद काफी देर तक सदर अस्पताल में अफरा-तफरी मच गयी। हद तो तब हो गई जब एंबुलेंस के लिए कहा गया तो एंबुलेंस चालक गाड़ी खराब होने का बहाना बनाकर बचता नजर आया। आखिरकार अपने बेटे की लाश को ई-रिक्शा से ले जाने को एक बाप मजबूर हुआ।
बताते चलें कि जब इलाज के लिए बच्चे को एक बाप अपने कंधे पर लेकर सदर अस्पताल आया तब उसे एक वार्ड से दूसरे वार्ड की दौड़ता हर कोई देखा लेकिन उसकी मदद के लिए कोई भी सामने नहीं आया। जिसके कारण बेटे की मौत हो गयी। बेटे की मौत के बाद पिता फूट फूट कर रोने लगा। घरवाले भी रोने लगे। रोने की चीत्कार सुन मरीज के परिजन भी अस्पताल परिसर में जमा हो गये। मौजूद लोगों ने ढाढ़स बंधाया।
यह पूरा वाकया बेगूसराय सदर अस्पताल का है। मृतक डेढ़ वर्षीय दिव्यांशु मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कैथमा कर्पूरी नगर के रहने वाले पप्पू पासवान के बेटे थे। परिजनों ने बताया कि दो दिनों से बच्चे को तेज बुखार थी। जिसका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा था जहां स्थिति गंभीर होता देख वहां के डॉक्टरों ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया। जिसके बाद आनन-फानन में बच्चे को कंधे पर लेकर पिता सदर अस्पताल पहुंच गये साथ में अन्य परिजन भी दौड़े दौड़े सदर अस्पताल आ पहुंचे।
सदर अस्पताल आते ही अस्पताल के कंपाउंडर कभी इस वार्ड तो कभी उस वार्ड में ले जाने की बात करते रहे और बच्चे को कंधे पर लेकर एक बाप एक वार्ड से दूसरे वार्ड का चक्कर लगाता रहा लेकिन तभी इसी दौरान बच्चे ने बाप के कंधे पर ही दम तोड़ दिया। जिसके बाद मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया।
पीड़ित परिवार की परेशानी इस घटना के बाद भी कम नहीं हुई। जब शव ले जाने के लिए अस्पताल में एम्बुलेंस के लिए संपर्क किया गया तो यह कह कर वापस कर दिया कि एक सप्ताह से अस्पताल का एम्बुलेंस खराब है। थक हार कर रोते बिलखते परिजन शव को ई-रिक्शा से लेकर घर के लिए रवाना हुए।


