मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह?
18-Aug-2023 02:59 PM
By First Bihar
DELHI : दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने बॉलीवुड एक्टर के जीवन पर आधारित चार फिल्मों और दो किताबों के प्रदर्शन और प्रकाशन पर रोक लगाने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट की एकल जज पीठ के फैसले को HC की खंडपीठ के सामने चुनौती दी है।
वहीं, हाईकोर्ट की खंडपीठ ने फिल्म प्रोड्यूसर समेत अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाई कोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस धर्मेश शर्मा की पीठ इस मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को करेगी। सुशांत के पिता केके सिंह ने याचिका में सुशांत सिंह राजपूत की प्रतिष्ठा, निजता और अधिकारों की सुरक्षा किए जाने की गुहार लगाई है।
याचिका में कहा गया है कि फिल्म ‘न्याय: द जस्टिस' एक ऑनलाइन मंच यानी OTT पर प्रसारित की जा रही है, इसमें कई मानहानिकारक बयान हैं और ये सुशांत सिंह राजपूत के ‘व्यक्तित्व और अधिकारों' का हनन करती है।
दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ सुशांत के जीवन पर बनी फिल्म पर रोक लगाने से इनकार कर चुकी है, पीठ का कहना है कि पब्लिसिटी और निजता के अधिकार हेरिटेबल नहीं होते हैं, अभिनेता की मौत के साथ ही यह अधिकार खत्म हो गए।