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सुशासन बाबू ने बिहार में सुई का कारखाना तो नहीं लगाया 'तबादला उद्योग' जरुर लगा दिया : तेजस्वी

सुशासन बाबू ने बिहार में सुई का कारखाना तो नहीं लगाया 'तबादला उद्योग' जरुर लगा दिया : तेजस्वी

04-Jul-2020 01:45 PM

PATNA : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है।  बिहार सरकार के द्वारा  राजस्व और भूमि सुधार विभाग में तकरीबन 255 अंचलाधिकारी समेत 400 अधिकारियों के तबादले पर रोक लगा दिए जाने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा है कि सरकार ने बिहार में तबादला उद्योग लगा दिया है। उन्होनें कहा कि अभी-अभी जून महीने में सबसे बड़ा तबादला घोटाला हुआ है। 

तेजस्वी ने बोला हमला 

तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 15 वर्षों में नीतीश कुमार और बीजेपी ने बिहार में एक सुई का भी कारख़ाना नहीं लगवाया। कोई इंडस्ट्री नहीं।लेकिन हां! तबादला उद्योग ज़रूर लगाया है। अभी जून महीने में सुशासन बाबू के आशीर्वचन और पावन सानिध्य में सबसे बड़ा तबादला घोटाला हुआ ताकि जनादेश अपमान की लाज रखी जा सके। 


बता दें कि बिहार के राजस्व और भूमि सुधार विभाग में तकरीबन 255 अंचलाधिकारी समेत 400 अधिकारियों के तबादले पर रोक के बाद बिहार की राजनीति में बड़ा भूचाल आ गया है। राजस्व और भूमि सुधार विभाग में 27 से 30 जून के बीच किये गये सारे तबादलों पर रोक लगा दी गयी है। बिहार के मुख्यमंत्री ने सारे तबादले की फाइल अपने पास तलब की है। इस बीच विपक्ष ने सरकार पर तबादला उद्योग खोलने का आरोप लगाया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी अब इस तबादला पॉलिटिक्स में कूद गये हैं। 


मुख्य सचिव ने जारी किया पत्र

बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शुक्रवार को पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि राजस्व और भूमि सुधार विभाग में 27 जून को नोटिफिकेशन नंबर-186 (3) और 187 (3) के साथ साथ 30 जून को नोटिफिकेशन नंबर 192(3) और 193 (3) के जरिये अंचलाधिकारियों और दूसरे पदाधिकारियों का तबादला किया गया है। इस तबादले में सरकारी नियमों का पालन नहीं किया गया है।


तत्काल प्रभाव से रोक

मुख्य सचिव ने कहा है कि सरकार ने इन सारे तबादलों पर तत्काल प्रभाव से रोक गया दिया है। अब पूरे मामले की जांच पड़ताल की जायेगी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फाइल मांगी है। वे खुद इसे देखेंगे और तब तबादले पर फैसला लिया जायेगा। 


क्या है मामला

दरअसल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में इस दफे हुए तबादले में भारी खेल होने की खबरें आम थी। खुद मुख्यमंत्री तक इसकी शिकायत पहुंची थी। विभाग के अधिकारी बता रहे थे कि मंत्री रामनारायण मंडल ने अपनी निगरानी में खुद सारा ट्रांसफर पोस्टिंग किया है। भारी पैमाने पर हुए ट्रांसफर पोस्टिंग में सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ा दी गयीं। सरकार ने नियम बना रखा है किसी पदाधिकारी के पदस्थापना के तीन साल पूरे होने के बाद ही उनका ट्रांसफर किया जाना चाहिये। लेकिन साल-दो साल वाले अधिकारियों का भी बड़े पैमाने पर ट्रांसफर हुआ।




देखिये कैसे हुआ खेल

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सबसे पहले 27 जून को 77 सीओ को सहायक बंदोबस्त प्रभारी के पद पर ट्रांसफर किया। फिर 27 जून को ही 255 सीओ का एक साथ ट्रांसफर कर दिया गया। 30  जून को विभाग ने फिर से अधिसूचना निकाली और पहले किये गये 8 सीओ के ट्रांसफर को रद्द कर दिया। विभाग ने 30 जून को फिर से अधिसूचना निकाली और 43 अधिकारियों की सेवा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से वापस कर दी।



क्या मिली थी शिकायत

जानकार सूत्र बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री तक शिकायत पहुंची कि ट्रांसफर पोस्टिंग में दूसरे किस्म का “मैनेजमेंट” हुआ है। पूरे जून महीने मंत्री जी का खास सेल इस मैनेजमेंट को अंजाम देने में लगा रहा। इसी मैनेजमेंट के तहत सारे सरकारी नियम-कायदों की धज्जियां उड़ा दी गयी और 400 अधिकारियों का तबादला कर दिया गया। अब सीएम खुद देखेंगे कि मंत्री जी ने कौन कौन सी कारगुजारियां की है।