ब्रेकिंग न्यूज़

बिहार बदलाव यात्रा के तहत गोपालगंज के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रशांत किशोर, पहले दिन चार जनसभाओं को किया संबोधित छपरा और सीवान पहुंचे तेजस्वी यादव ने शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से हर संभव मदद का किया वादा BIHAR: मानसून में बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबंध, सेकेंड्री लोडिंग प्वाइंट से होगी आपूर्ति बिहार में MSP पर दलहन-तेलहन खरीद के लिए नई व्यवस्था होगी लागू, बाजार मूल्य की अनिश्चितता से किसानों को मिलेगी राहत Bihar Crime News: बिहार में लूटपाट के दौरान युवक को मारी गोली, घर लौटने के दौरान बदमाशों ने बीच रास्ते में घेरा Bihar News: बिहार के इस जिले में 1000 करोड़ की लागत से सीमेंट ग्राइंडिंग इकाई की होगी स्थापना, 200 एकड़ में लगेगा उद्योग...500 लोगों को रोजगार Bihar News: बिहार में मानसून में बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबंध, नहीं प्रभावित होगी आपूर्ति; सरकार ने की यह व्यवस्था Bihar News: बिहार में मानसून में बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबंध, नहीं प्रभावित होगी आपूर्ति; सरकार ने की यह व्यवस्था Hot Water Bath: हर दिन गर्म पानी से नहा रहे हैं? सेहत पर पड़ सकता है ये असर; जानिए.. फायदे और नुकसान Hot Water Bath: हर दिन गर्म पानी से नहा रहे हैं? सेहत पर पड़ सकता है ये असर; जानिए.. फायदे और नुकसान

सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्‍ट पर अपने पुराने फैसले को पलटा, कहा- आज भी होता है भेदभाव

सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्‍ट पर अपने पुराने फैसले को पलटा, कहा- आज भी होता है भेदभाव

01-Oct-2019 03:45 PM

PATNA : सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्‍ट कानून के तहत गिरफ्तारी के प्रावधानों को हलका करने संबंधी अपने पुराने फैसले को वापस ले लिया. जस्टिस अरूण मिश्रा, जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने केन्द्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर यह फैसला सुनाया. पीठ ने कहा कि समानता के लिये अनुसूचित जाति (एससी) और जनजातियों (एसटी) का संघर्ष देश में अभी खत्म नहीं हुआ है. तीन जजों की बेंच ने पिछले साल दिये गए दो जजों की बेंच के फैसले को रद्द किया.  

शीर्ष अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 15 के तहत एससी-एसटी वर्ग के लोगों को संरक्षण प्राप्त है, लेकिन इसके बावजूद उनके साथ भेदभाव हो रहा है. पीठ ने कहा कि समाज में अभी भी एससी-एसटी वर्ग के लोग अभद्रता का सामना सामना कर रहे हैं. पिछले साल कोर्ट के फैसले के खिलाफ देशभर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे. तब केंद्र सरकार ने इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल किया था. 

क्‍या था फैसला
20 मार्च, 2018 को दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि SC/ST एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी की व्यवस्था के चलते कई बार बेकसूर लोगों को जेल जाना पड़ता है. कोर्ट ने तुंरत गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. इसके खिलाफ सरकार ने पुनर्विचार अर्जी दायर की थी. जिस पर आज तीन जजों की बेंच का फ़ैसला आया है. पिछले साल 20 मार्च को दिए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों और आम लोगों के खिलाफ SC/ST कानून के दुरुपयोग को देखते हुए उसमें गिरफ्तारी के प्रावधानों को हल्का कर दिया था. कोर्ट ने प्राथमिक जांच के बाद ही आपराधिक केस दर्ज करने और सरकारी कर्मचारियों के मामले में गिरफ्तारी से पहले संबंधित अधिकारी से पूर्व अनुमति लेने को भी आवश्यक बना दिया था.