ब्रेकिंग न्यूज़

PATNA NEWS : नशेड़ी ड्राइवर का तांडव, डिवाइडर से टकराई तेज रफ्तार कार; बाल-बाल बचे तीन लोग Amul Milk Price Hike: आज से दूध हुआ महंगा, अमूल ने बढ़ाई कीमत,जानें..... Rules Change : आज से देश के अंदर हो रहे कई बड़े बदलाव, आपके जेब पर भारी पड़ेंगे ये बदलाव; पढ़िए यह खबर Caste census: तो क्या डिजिटल जनगणना करवाएगी मोदी सरकार, डेडलाइन फाइनल BIHAR TEACHER NEWS: सरकारी स्कूलों के हेडमास्टर और प्रिंसिपल साहब को लगा झटका,अब नहीं कर सकेंगे यह काम ; ACS ने जारी किया आदेश Bihar weather: बिहार में 2 मई तक भीषण आंधी-पानी का दिखेगा प्रकोप, IMD ने जारी किया अलर्ट 'कल्याण ज्वेलर्स' के नाम पर फर्जी सोने-चांदी की दुकान चलाने वाले पर चला प्रशासन का डंडा, बांड भरवाकर दुकानदार से बैनर हटवाया Bihar News: अवैध मेडिकल दुकानों और क्लिनिक संचालकों के खिलाफ प्रशासन का बड़ा अभियान, कई लोग हिरासत में बिहार का 'पुष्पा' निकला संजीव मुखिया, पत्नी को MP और MLA बनाने के लिए किया पेपर लीक Bihar Crime News: भीड़ ने पीट-पीटकर ले ली युवक की जान, एक ग़लतफ़हमी और हो गया बड़ा कांड

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की परवाह नहीं करती बिहार पुलिस, पटना HC ने इस मामले में लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की परवाह नहीं करती बिहार पुलिस, पटना HC ने इस मामले में लगाई फटकार

24-Aug-2024 08:45 AM

By First Bihar

PATNA : पटना हाई कोर्ट ने बिहार पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। पटना हाई कोर्ट ने पुलिस द्वारा सात साल के कम सजा वाले मामलों में अभियुक्तों को सीआरपीसी की धारा 41 ए का लाभ नहीं दिये जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने विभिन्न अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी किया कि ऐसा लगता है कि राज्य की पुलिस सुप्रीम कोर्ट  एवं पटना हाई कोर्ट द्वारा पारित फ़ैसलों की कोई परवाह नहीं करती है। अब कोर्ट की इस टिप्पणी से बिहार के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।


जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने कोर्ट में मौजूद लगभग आधा दर्जन जिलों के एसपी से कहा कि सात साल से कम सजा वाले मामलों में जब पुलिस को जमानत देने का अधिकार है तो पुलिस ऐसा क्यों नहीं कर रही है? पुलिस के ऐसे रवैये से अदालत पर बोझ बढ़ता जा रहा है। यदि पुलिस सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेशों का सही ढंग से पालन नहीं करेगी तो वह अवमानना कार्रवाई की हकदार होगी।


अदालत ने कहा कि ‘पुलिस केवल शराब के मामलों में आरोपित को पकड़ने में लगी है जैसे वह कोई कुख्यात अपराधी है।’ पुलिस को यह देखना चाहिए कि आरोपित की गिरफ्तारी जरुरी है या नहीं। यदि आरोपित का व्यवहार कानूनी प्रक्रिया के प्रतिकूल है तो वह आरोपित को गिरफ्तार करे। इसके अलावा वह देखें कि गिरफ़्तारी जरूर है या नहीं।