ब्रेकिंग न्यूज़

बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की परवाह नहीं करती बिहार पुलिस, पटना HC ने इस मामले में लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की परवाह नहीं करती बिहार पुलिस, पटना HC ने इस मामले में लगाई फटकार

24-Aug-2024 08:45 AM

By First Bihar

PATNA : पटना हाई कोर्ट ने बिहार पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। पटना हाई कोर्ट ने पुलिस द्वारा सात साल के कम सजा वाले मामलों में अभियुक्तों को सीआरपीसी की धारा 41 ए का लाभ नहीं दिये जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने विभिन्न अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी किया कि ऐसा लगता है कि राज्य की पुलिस सुप्रीम कोर्ट  एवं पटना हाई कोर्ट द्वारा पारित फ़ैसलों की कोई परवाह नहीं करती है। अब कोर्ट की इस टिप्पणी से बिहार के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।


जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने कोर्ट में मौजूद लगभग आधा दर्जन जिलों के एसपी से कहा कि सात साल से कम सजा वाले मामलों में जब पुलिस को जमानत देने का अधिकार है तो पुलिस ऐसा क्यों नहीं कर रही है? पुलिस के ऐसे रवैये से अदालत पर बोझ बढ़ता जा रहा है। यदि पुलिस सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेशों का सही ढंग से पालन नहीं करेगी तो वह अवमानना कार्रवाई की हकदार होगी।


अदालत ने कहा कि ‘पुलिस केवल शराब के मामलों में आरोपित को पकड़ने में लगी है जैसे वह कोई कुख्यात अपराधी है।’ पुलिस को यह देखना चाहिए कि आरोपित की गिरफ्तारी जरुरी है या नहीं। यदि आरोपित का व्यवहार कानूनी प्रक्रिया के प्रतिकूल है तो वह आरोपित को गिरफ्तार करे। इसके अलावा वह देखें कि गिरफ़्तारी जरूर है या नहीं।