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13-Nov-2022 08:11 PM
GOPALGANJ: पांच दिन पहले की बात है जब नीतीश कुमार ने पूरे सरकारी अमले की बैठक कर ये कहा था कि पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम शराब पीने वालों को पकड़ने के बजाय शराब बेचने और सप्लाय करने वालों को पकडने पर ध्यान दे. उसका असर देखिये. उत्पाद विभाग का लंबा चौड़ा अमला बिहार-उत्तर प्रदेश की सीमा पर हाईवे पर खड़ा हो गया. पूरी नाकेबंदी कर हाईवे पर जो भी लोग जा रहे थे उनकी ब्रेथ एनालाइजर से जांच की औऱ 75 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
वाकया बिहार के गोपालगंज जिले का है. गोपालगंज शहर से थोड़ी दूरी पर ही उत्तर प्रदेश का बार्डर है. एन.एच.28 दोनों राज्यों को जोड़ती है. शनिवार की रात उत्पाद विभाग का पूरा अमला बॉर्डर के पास हाइवे पर नाकेबंदी करके खड़ा हो गया. जो भी लोग हाइवे से गुजर रहे थे उन्हें रोक कर ब्रेथ एनालाइजर मशीन से चेकिंग की गयी. ये जाने बगैर कि कौन कहां जा रहा है उत्पाद विभाग ने ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में शराब की पुष्टि कर 75 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
बता दें कि एन.एच. 28 दिल्ली को पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ता है. बड़ी संख्या में लोग दिल्ली और उत्तर प्रदेश से बिहार ही नहीं बल्कि बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों से लेकर नेपाल तक की यात्रा इस सड़क से करते हैं. इसी सड़क पर उत्पाद विभाग ने नाकेबंदी की. गोपालगंज ही नहीं बल्कि पडोसी जिले सिवान से भी उत्पाद विभाग की टीम को बुलाकर ये नाकेबंदी की गयी थी. गाड़ियों से आने जाने वाले हर व्यक्ति की ब्रेथ एनालाइजर मशीन से जांच की गयी औऱ 75 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.
गोपालगंज के उत्पाद अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि संयुक्त मद्यनिषेध अभियान में कुल 88 लोगों को उत्पाद अधिनियम के तहत गिरफ़्तार किया गया है. इनमें 75 वे हैं जो सड़क पर पकड़े गये. वहीं 13 लोग दूसरे स्थानों से भी गिरफ्तार किये गये. इस अभियान में गोपालगंज के अलावा सीवान उत्पाद विभाग की टीम भी शामिल थी.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही नीतीश कुमार ने शराबबंदी की समीक्षा के लिए सारे बड़े अधिकारियों को तलब किया था. बैठक के बाद मुख्य सचिव, डीजीपी से लेकर मद्य निषेध विभाग और पुलिस के आलाधिकारी बैठक में मौजूद थे. बैठक के बाद मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री ने अब पुलिस और मद्य निषेध विभाग को नया टास्क दिया है. उन्होंने कहा है कि शराब पीने वालों के पीछे दौड़ने के बजाय शराब बेचने और सप्लाई करने वालों को पकड़ा जाये. पुलिस और उत्पाद विभाग अब इसी पर फोकस करे. सरकार की पहले प्राथमिकता थी कि शराब पीने और बेचने वाले दोनों को पकड़ा जाये. अब पुलिस पहले शराब बेचने और सप्लाई करने वालों को पकड़ेगी. बाद में शराब पीने वालों को देखा जायेगा.