ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Assembly Election 2025: बिहार के 38 जिलों में तय हुए 90 हजार से ज्यादा बूथ, देखें जिलेवार पूरी लिस्ट PATNA METRO : पटना मेट्रो अपडेट: मात्र 20 मिनट में पूरी होगी आपकी यात्रा, जानिए टाइमिंग और किराया Bihar News: UPI फ्रॉड में लिप्त साइबर ठगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, गिरोह की तलाश जारी Bihar Scholarship Scheme : 10 लाख छात्राओं को मिलेगा प्रोत्साहन राशि का लाभ, जल्द खातों में पहुंचेगा पैसा Mahila Rojgar Yojana: महिला रोजगार योजना: शहरी महिलाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया आज से शुरू, जानें नियम और लाभ Bihar Crime News: बिहार में जमीन विवाद बना खूनी संघर्ष, खेत के पास युवक को गोलियों से भूना Bihar News: सीतिश हत्याकांड पर आक्रोश, शव बरामद नहीं होने से लोगों में नाराजगी; पुलिस पर लापरवाही का आरोप Bihar News: पटना में पुलिस दारोगा का कारनामा, चेकिंग के दौरान बरामद 20 लाख रुपए गायब कर दिए Bihar Teacher News: छह लाख शिक्षकों की वरीयता पर बड़ा फैसला, शिक्षा विभाग ने गठित की समिति अजय सिंह की योजना से पकड़ी पंचायत से 150 श्रद्धालु अयोध्या दर्शन को रवाना

सरकार किसी कर्मचारी-अधिकारी को लंबे समय तक निलंबित नहीं रख सकती: पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

सरकार किसी कर्मचारी-अधिकारी को लंबे समय तक निलंबित नहीं रख सकती: पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

30-Jan-2022 06:28 PM

PATNA: पटना हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों औऱ अधिकारियों के निलंबन को लेकर बड़ा फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी अधिकारी या कर्मचारी को लंबे समय तक निलंबित नहीं रखा जा सकता है. हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि अगर निलंबित कर्मी के खिलाफ लंबे समय तक जांच चल रही हो तो उसे निलंबन मुक्त करना होगा.


पटना हाईकोर्ट में जस्टिस पीबी बजन्थरी की एकलपीठ ने ये फैसला सुनाया है. दो दिन पहले इस मामले में फैसला सुनाया गया है. हाईकोर्ट में एक निलंबित अंचलाधिकारी राकेश कुमार ने याचिका दायर की थी. उसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश दिया. अंचलाधिकारी राकेश कुमार के वकील अखिलेश दत्त वर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार निलंबित कर्मी के विरुद्ध अगर लंबे समय तक जांच पूरी नहीं की जाती है, तो निलंबन को रद्द करना होगा.


दरअसल अचंलाधिकारी राकेश कुमार बक्सर जिला के राजपुर ब्लॉक में तैनात थे. लगभग साढ़े पांच साल 2016 में उन्हें घूस लेते गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद सरकार ने उन्हें 16 दिसंबर, 2016 को निलंबित कर दिया था. राकेश कुमार 23 मार्च, 2017 को जेल से जमानत पर छूट कर आये औऱ सरकार के आदेश के मुताबिक निलंबन अवधि में पटना के प्रमंडलीय आयुक्त के कार्यालय में 25 मार्च, 2017 को अपना योगदान दे दिया गया था. राकेश कुमार पिछले पांच साल से भी ज्यादा समय से निलंबित हैं. सरकार ने उनके खिलाफ जांच शुरू की थी जो अब तक पूरी नहीं हुई है. इसके खिलाफ ही उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.


अधिवक्ता अखिलेश दत्त वर्मा ने बताया कि पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अजय कुमार चौधरी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले में दिए गए निर्णय के आलोक में राकेश कुमार के के निलंबन की समीक्षा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि ज्यादा से ज्यादा छह महीने के भीतर सीओ राकेश कुमार के खिलाफ चल रही अनुशासनात्मक कार्यवाही को पूरा कर लिया जाये. हाईकोर्ट ने अनुशासनात्मक कार्रवाई कर रहे अधिकारी को ये भी जांच करने को कहा है कि क्या याचिकाकर्ता बढ़े हुए जीवन निर्वाह भत्ता के हकदार है या नहीं?