ब्रेकिंग न्यूज़

Budget 2025 : बजट सत्र से पहले पीएम मोदी ने की मां लक्ष्मी की स्तुति, कहा - 2014 के बाद यह पहला सत्र है जब कोई विदेशी चिंगारी नहीं आई BPSC Exam: 70वीं BPSC पीटी परीक्षा पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई टली, अब इस दिन होगी सुनवाई BIHAR NEWS : जदयू के पूर्व विधायक विश्वनाथ सिंह का पटना में निधन, मनिहारी विधानसभा क्षेत्र में शोक की लहर Chirag Paswan: चिराग पासवान और उनके जीजा ने खुदकुशी के लिए मजबूर कर दिया: महिला कारोबारी ने जहर खाया, सुसाइड नोट में लिखी अपनी पीड़ा Multi Model Hub: पटना वालों जाम में फंसने की टेंशन भूल जाइए! इस दिन से शुरू होगा 'मल्टी मॉडल हब', देखिए डिटेल्स BPSC Exam: रद्द होगी BPSC 70वीं पीटी परीक्षा! आज पटना हाईकोर्ट करेगा फैसला BIHAR BOARD : बिहार बोर्ड का नया ऐलान ! 5 फरवरी तक जूता पहनकर एग्जाम देने आ सकते हैं इंटरमीडिएट के स्टूडेंट, लेट आने पर होगा यह एक्शन Bihar School News : बदल गया MDM का मेन्यू, अब किस दिन क्या मिलेगा, शिक्षा विभाग ने सबकुछ बताया Budget 2025 : आज से संसद के बजट सत्र की शुरुआत, जानें निर्मला सीतारमण के तरफ से बजट पेश करने का समय व तारीख लड़की को गोली मारने के बाद युवक ने खुद को भी मारी गोली, मौत के बाद इलाके में सनसनी

सफला एकादशी 2024; जानें व्रत, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

सफला एकादशी 2024; जानें व्रत, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

20-Dec-2024 12:34 AM

एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और यह हर महीने दो बार आता है, एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में। इन दोनों एकादशियों का महत्व अत्यधिक है और इन्हें विधिपूर्वक करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस साल की आखिरी एकादशी, जो 2024 में पड़ेगी, वह सफला एकादशी है। इस दिन कुछ विशेष संयोग बनेंगे, जो पूजा और व्रत के महत्व को और बढ़ा देंगे। आइए जानते हैं इस व्रत के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी।


सफला एकादशी कब है?

साल 2024 की आखिरी सफला एकादशी का व्रत 26 दिसंबर को रखा जाएगा। यह एकादशी तिथि 25 दिसंबर को रात 10:29 बजे से शुरू होगी और 26 दिसंबर को देर रात 12:43 बजे समाप्त होगी।


सफला एकादशी व्रत का पारण कब होगा?

सफला एकादशी का पारण 27 दिसंबर को किया जाएगा। इस दिन पारण के लिए शुभ समय सुबह 7:13 बजे से 9:17 बजे के बीच का है। इस दौरान पारण करना विशेष रूप से शुभ रहेगा।


सफला एकादशी पर खास संयोग

सफला एकादशी के दिन दो विशेष संयोग बन रहे हैं:

सुकर्मा योग और वैधृति योग: इन दोनों योगों को शुभ माना जाता है, और यह व्रत के महत्व को और बढ़ाते हैं। इन योगों में किए गए शुभ कार्यों से अच्छा फल मिलता है।

स्वाती नक्षत्र और विशाखा नक्षत्र: इन नक्षत्रों का भी इस दिन विशेष संयोग है, जो पूजा और व्रत के फल को और अधिक शुभ बनाता है।


सफला एकादशी पूजा मुहूर्त

सफला एकादशी के दिन पूजा के लिए चार प्रमुख मुहूर्त हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:22 बजे से 6:17 बजे तक।

प्रत: संध्या मुहूर्त: सुबह 4:49 बजे से 7:11 बजे तक।

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:42 बजे तक।

विजय मुहूर्त: दोपहर 2:04 बजे से 2:46 बजे तक।


सफला एकादशी पूजा विधि

स्नान और दैनिक कर्म: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और सभी दैनिक कर्मों से निवृत्त हो जाएं।

सूर्य देव को अर्घ्य: स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें।

पूजा सामग्री एकत्रित करें: पूजा के लिए सभी सामग्री (पंचामृत, हल्दी, कुमकुम, अक्षत, फूल, जनेऊ, आदि) इकट्ठा कर लें।

पूजा स्थल तैयार करें: एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। दायीं तरफ दीपक जलाएं।

विधानपूर्वक पूजा करें: भगवान को रोली, चंदन, हल्दी, कुमकुम, अक्षत अर्पित करें और "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" मंत्र का जाप करें। भगवान को फूल, जनेऊ, माला अर्पित करें।

पंचामृत में तुलसी डालकर अर्पित करें: पंचामृत में तुलसी का पत्ता डालकर भगवान को अर्पित करें। फिर भगवान को मिठाई अर्पित करें।

विष्णु सहस्त्रनाम पाठ: पूजा के बाद विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और भगवान की आरती करके प्रसाद बांटें।


सफला एकादशी व्रत को विधिपूर्वक करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और सभी पापों का नाश होता है। इस दिन के विशेष संयोग पूजा और व्रत के महत्व को और बढ़ाते हैं, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत के दौरान भक्तों को भगवान विष्णु के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को प्रगाढ़ करने का अच्छा अवसर मिलता है।