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14-Apr-2023 07:48 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार में ऐसे आईएएस अधिकारी हैं। जो कभी शहर में रिक्शा से घूमते हैं तो कभी चौराहे पर गोलगप्पा खाते हैं। इतना ही नहीं ये अधिकारी जमीन पर बैठकर एक सब्जी वाले से खरीदारी में मोलभाव करते हुए भी नजर आते हैं। उनका नाम है डॉक्टर एस सिद्धार्थ। अब यह आईएएस अधिकारी अपने बचपन का शौक पूरा करने के लिए फ्लाइंग की ट्रेनिंग भी ले रहे हैं और अब इन्हें ट्रेनिंग लाइसेंस भी मिल गया है। इसके साथ ही या बिहार झारखंड के इकलौते ऐसे अधिकारी हैं जिन्हें फाइलिंग लाइसेंस मिला हुआ है।
दरअसल बिहार सरकार में वित्त विभाग और कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव के साथ-साथ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी निभाते हुए आईएएस अधिकारी डॉ एस सिद्धार्थ फ्लाइंग की ट्रेनिंग ले रहे थे। अब इनकी या ट्रेनिंग पूरी हो गई है और उन्हें सर्टिफिकेट दे दिया गया है। जिसके बाद इस आईएएस अधिकारी ने कहा कि - मेरा बचपन का सपना रहा है पायलट बनना। बचपन में खिलौने वाले एरोप्लेन को लेकर उसे बड़े आशा से देखता था कि वह उड़ेगा। इसी दौरान मुझे पायलट बनने का शौक आया था आज मुझे लाइसेंस मिलने के बाद लगा कि मेरा सपना साकार हो गया।
इतना ही नहीं एस सिद्धार्थ आंतरिक नियंत्रण वाला मल्टीपर्पस रोबोट बनाने में भी लगे हैं। वे बताते हैं कि रोबोट प्रोग्रामिंग के हिसाब से काम करता है और जहां जैसी जरूरत रहती है उसके हिसाब से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। मालूम हो कि,आइआइटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करने वाले एस सिद्धार्थ ने सूचना प्रौद्योगिकी में डॉक्टरेट की डिग्री भी ली है। उनकी पत्नी डाॅ एन विजयालक्ष्मी भी एक आइएएस अधिकारी हैं, जो वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर काम कर रही हैं।
आपको बताते चलें कि, बिहार के सीनियर आईएएस ऑफिसर डॉक्टर एस सिद्धार्थ की चर्चा पूरे देश में है। यह अपनी पावर से ज्यादा अपनी सिपलिसिटी को लेकर जाने जाते हैं।वह जनता की समस्या पर हमेशा गौर करते हैं। असहाय लोगों की मदद करने और उनकी समस्या जानकर उसका जल्द से जल्द निपटारा करने के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में अब वो अपनी इस लाइसेंस को लेकर वो एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं ।