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11-Nov-2022 11:00 AM
By Manoj
MUZAFFARPUR : देश की सर्वोच्च न्यायिक संगठन मानव अधिकार आयोग की ओर से मानवाधिकार रक्षकों और गैर सरकारी संगठनों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सलाहकार कोर ग्रुप कि सदस्य की सूची जारी की गई है। उसमें वंचित जमात से आने वाली परचम संगठन की सचिव नसीमा खातून को भी नॉमिनेट किया गया है।
दरअसल, नसीमा बिहार के मुजफ्फरपुर शहर के बदनाम गलियों में एक रेड लाईट एरिया में रहकर पढ़ी लिखी है। उन्होंने बताया कि अपने वंचित समाज के हक व अधिकार की लड़ाई अब आगे बढ़ रही है। समाज के सभी बुजुर्गों के आशीर्वाद व साथियों के प्यार व कामना से बड़ी जवाबदेही राष्ट्रीय स्तर पर मिली है। देश की सर्वोच्च न्यायिक संगठन मानव अधिकार आयोग की ओर से मानवाधिकार रक्षकों और गैर सरकारी संगठनों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सलाहकार कोर ग्रुप कि सदस्य के रुप में शामिल होने का मौका दिया गया है।
उन्होंने बताया कि,आयोग ने देश स्तर पर विभिन्न अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को लेकर एक कमेटी बनाई है। जिसमें मुझे भी स्थान दिया गया है। अब आपकी आवाज देश के सबसे बड़े न्यायिक फोरम पर मजबूती के साथ उठेगी। उसका निदान भी होगा। नसीमा ने कहा कि बिहार के 38 जिलों में रेड लाइट एरिया है। कहीं बड़े तो कहीं छोटे रूप में है। वह रेड लाइट एरिया की बेटी है। यहां जन्म ली पढी और पिछले दो दशक से रेड लाइट एरिया के लोगों को संवैधानिक अधिकार दिलाने व बेटियों को शिक्षा से जोड़ने के लिए पहल कर रही है। इसी कड़ी में वह परचम संगठन के माध्यम से जगह-जगह पर जागरूकता अभियान कर लोगों को शिक्षा व अपने अधिकार के प्रति जागरूक कर रही है। इसके साथ यहां के बच्चों को लिखने व अपनी बातों को रखने के लिए बेहतर मौका मिले इसके लिए जुगनू हस्तलिखित पत्रिका निकालती है।
बता दें कि, हाल के दिनों में मुजफ्फरपुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के नेतृत्व में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संदीप अग्निहोत्री के सहयोग से इलाके के लोगों के बीच कानूनी जागरूकता अभियान चल रही है। इसके साथ मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार की अध्यक्षता में जिला उद्योग केंद्र के प्रबंधक धर्मेंद्र कुमार सिंह के सहयोग से क्षेत्र के महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। यहां की महिलाएं जोहरा संवर्धन ग्रुप, जुगनू रेडीमेड गारमेंट के नाम से संगठन बनाकर सिलाई कटाई का काम कर अपने जीवकोपाजन को आगे आई है। उसके साथ वरीय पुलिस अधीक्षक जयंत कांत की मदद से महिलाओं को एक नई ताकत मिली है। अब आने वाले दिनों में मानव अधिकार आयोग के फोरम पर भी यहां की महिलाओं और बच्चों की होने वाली परेशानी प्रमुखता से रखी जाएगी।
इधर, नसीमा के आयोग के सलाहकार कोर ग्रुप कि सदस्य की सूची में शामिल होने के बाद मुजफ्फरपुर के रेड लाइट एरिया से सदस्य बनाए जाने पर रेड लाइट एरिया की महिलाओं और बच्चों में खुशी की लहर दौड़ गई है। शहर में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि इस बदनाम गली में भी रहकर हीरे निकल सकते हैं। वहीं,अब नसीमा का एकमात्र मिशन है वंचित महिलाओं और बच्चों को उचित शिक्षा उपलब्ध कराना जिस पर लगातार वे काम कर रही है आने वाले समय में नसीमा की मेहनत कितनी रंग लाती है या तो वक्त ही बताएगा लेकिन इस तरह की हिमाकत अगर किसी ने की है तो उसे हम भी दिल से सलाम करते हैं।