ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार में पत्नी की प्रताड़ना से परेशान पति ने उठा लिया आत्मघाती कदम, कर दिया यह बड़ा कांड Bihar Crime News: बिहार में पत्नी की प्रताड़ना से परेशान पति ने उठा लिया आत्मघाती कदम, कर दिया यह बड़ा कांड Bihar NEET counselling 2025: मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में 85% सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया शुरू, जानें... कब से होगा रजिस्ट्रेशन? August Born People: कैसे होते हैं अगस्त महीने में जन्मे लोग? जानिए.. उनके खास गुण और व्यक्तित्व August Born People: कैसे होते हैं अगस्त महीने में जन्मे लोग? जानिए.. उनके खास गुण और व्यक्तित्व Life Style: डाइट में शामिल करें ये जरुरी चीजें, हार्ट अटैक का खतरा होगा कम Bihar News: 10 करोड़ कैश का प्रलोभन केस...जेडीयू के बाद अब BJP विधायक का नंबर, EOU भाजपा के इस MLA से भी कर सकती है पूछताछ... Bihar Politics: मालेगांव ब्लास्ट केस में कोर्ट के फैसले का स्वागत, रोहित कुमार सिंह ने बताया न्याय की जीत Bihar Politics: मालेगांव ब्लास्ट केस में कोर्ट के फैसले का स्वागत, रोहित कुमार सिंह ने बताया न्याय की जीत Bihar News: बिहार के इस एयरपोर्ट का 229 एकड़ जमीन पर होगा विस्तार, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

Ministry of Education: बिहार के चार हजार से अधिक स्कूलों की मान्यता होगी रद्द, सामने आई यह बड़ी वजह

Ministry of Education: बिहार के चार हजार से अधिक स्कूलों की मान्यता होगी रद्द, सामने आई यह बड़ी वजह

24-Dec-2024 08:07 AM

By First Bihar

PATNA: शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम के मानदंडों का पालन नहीं करने वाले बिहार(bihar) के 4915 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द(derecognition) की जाएगी। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है।


दरअसल, आरटीई अधिनियम लागू होने के समय इन सभी स्कूलों को यू-डायस प्लस पोर्टल पर पंजीकृत होने की अनुमति दी गई थी। साथ ही, उन्हें तीन साल के भीतर अधिनियम के सभी मानदंडों को पूरा करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन, अधिकांश स्कूलों ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया।


यू-डायस प्लस 2023-24 की रिपोर्ट के आधार पर इन स्कूलों की पहचान की गई। मंत्रालय ने राज्य शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वह इन स्कूलों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करे और उनके यू-डायस कोड रद्द करे। विभाग को 31 मार्च, 2025 तक इस संबंध में मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपनी होगी।


यह कार्रवाई सुनिश्चित करेगी कि सभी बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें। साथ ही, यह उन स्कूलों को एक संदेश देगा जो आरटीई अधिनियम का पालन नहीं करते हैं।