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14-Jul-2022 09:09 AM
PATNA : पटना के राजीव नगर नेपाली नगर इलाके में लोगों का घर तोड़े जाने को लेकर आज हाईकोर्ट एक बार फिर से सुनवाई करने वाला है। हाईकोर्ट में जस्टिस संदीप कुमार की एकल पीठ दोपहर 2.15 बजे सुनवाई करेगी। सुनवाई के समय पटना के डीएम, सीओ और हाउसिंग बोर्ड के एमडी को भी मौजूद रहने को कहा गया है। पिछली सुनवाई के दौरान ये अधिकारी कोर्ट में मौजूद नहीं थे। सरकारी वकील किंकर कुमार के मुताबिक राज्य सरकार की तरफ से जवाबी हलफनामा दायर कर दिया गया है जिसपर अब हाईकोर्ट को विचार करना है। सरकारी वकील ने कहा कि सरकार का पक्ष मजबूती के साथ कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा। उधर याचिकाकर्ता के वकील शेखर सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से जो जवाब दिया गया है। उसका जवाब कोर्ट में दिया जाएगा।
यह पूरा मामला आशियाना दीघा रोड के पश्चिम 400 एकड़ जमीन की खरीद बिक्री और अधिग्रहण से जुड़ा है। 1974 में आवास बोर्ड ने दीघा की 1024.52 एकड़ जमीन का अधिग्रहण शुरू किया था। उस वक्त किसानों को 2200 रुपए प्रति कट्ठा मुआवजा देना था। लेकिन 28 जनवरी 1982 को जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के यहां 8,33,43,958 रुपए जमा कराए गए। इसके बाद आवास बोर्ड ने 1983 में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के खाते में मुआवजा राशि जमा की। तबतक समितियों ने दीघा की 20 फीसदी से अधिक जमीन की खरीद-बिक्री कर ली थी। यह खरीद-बिक्री पटना और हाजीपुर निबंधन कार्यालय हुई। इसके बाद सरकार ने खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी। इसके बाद गृह निर्माण समितियों ने कोलकाता, मुंबई और चेन्नई का रूख किया। इन महानगरों के निबंधन कार्यालय के माध्यम से जमीन की खरीद-बिक्री की। जब इन महानगरों में भी दीघा की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई तब भू-माफियाओं ने इसके बाद पावर ऑफ एटर्नी और एग्रीमेंट कर जमीन बेचनी शुरू कर दी। इस इलाके में निर्माण होता रहा।
बाद में न्यायालय में चली लंबी लड़ाई के बाद इस इलाके के लोगों को झटका लगा और फिर इनका घर तोड़े जाने का आदेश जारी हो गया। जब पिछले दिनों प्रशासन में घर तोड़ने की कार्यवाही शुरू की तो बवाल मचा और एक बार फिर स्थानीय लोग पटना हाई कोर्ट पहुंच गए। हाई कोर्ट ने शुरुआती राहत देते हुए आज की सुनवाई तक को स्टेटस बरकरार रखने के लिए कहा है। इस मामले में राजीव नगर और नेपाली नगर के लोगों की तरफ से पटना के डीएम पटना के अनुमंडल पदाधिकारी और जिलाधिकारी के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मुकदमा दायर किया गया है। इस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि चंद्रशेखर सिंह मंडलीय अधिकारी नवीन कुमार और अधिकारी जितेंद्र पांडे गलत तरीके से इमारतों को नुकसान पहुंचाया।