समाजसेवी अजय सिंह ने मदद के बढ़ाए हाथ, पुलिस और आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को सौंपा जंपिंग गद्दा Success Story: पुलिस ने मांगी रिश्वत तो लड़की ने शुरू कर दी UPSC की तैयारी, पहले IPS बनीं; फिर IAS बनकर पिता का सपना किया साकार JEE Main 2025: जेईई मेन में VVCP के छात्र-छात्राओं ने फिर लहराया परचम, जिले के टॉप थ्री पर कब्जा BIHAR NEWS: बिहार के गरीबों के लिए 2102 करोड़ रू की मंजूरी, जल्द ही खाते में जायेगी राशि, डिप्टी CM ने PM मोदी को कहा 'धन्यवाद' Chanakya Niti: दौलत, औरत और औलाद ...चाणक्य ने इन्हें क्यों बताया अनमोल? नीतीश कुमार को बड़ा झटका, जेडीयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने दिया इस्तीफा Namami Gange Yojana: बिहार के इस जिले को केंद्र सरकार की सौगात, नमामी गंगे और अटल मिशन के तहत मिलेगा साढ़े पांच सौ करोड़ का विकास पैकेज जनेऊ नहीं उतारा तो परीक्षा से किया बाहर, FIR के बाद बढ़ी सियासत Parenting Tips: पढ़ाई के दौरान क्यों आती है बच्चों को नींद? ये काम करें; दूर हो जाएगी परेशानी Bihar politics: बहुमत है, पर नैतिकता नहीं', बीजेपी पर बरसे मनोज झा, वक्फ कानून की वापसी की उठाई मांग!
13-Jun-2022 01:40 PM
MADHUBANI: अब बात बिहार के मधुबनी जिले में रहने वाले कलयुग के श्रवण कुमार की करते है जिसने अपने पिता की आखिरी इच्छा पूरी की है। पिता ने मरने से पहले कहा था कि जब मेरी मौत होगी तब श्राद्धकर्म का भोज और कर्मकांड में पानी की तरह पैस मत बहाना उसकी जगह गांव में एक पुल बनवा देना जो ग्रामीणों के काम आएं। पिता की मौत के बाद उनकी अंतिम इच्छा को उनके बेटे पूर्व उप सरपंच विजय प्रकाश झा ने पूरा भी किया। उन्होंने गांव में आरसीसी पुल बनवा डाला। जिसमें पांच लाख रुपये खर्च हुए है। इस पुल के बन जाने से करीब 2 हजार लोगों को फायदा मिलेगा।
बताया जाता है कि मधुबनी जिले के कलुआही प्रखंड निवासी महादेव झा जब खेत और बगीचा देखने जा रहे थे तभी पुल नहीं रहने के कारण वे कीचड़ में गिर पड़े और घायल हो गये। उसी वक्त महादेव झा ने बेटे विजय प्रकाश झा को इशारे से बुलाया और कहा कि यदि उनकी मौत हो जाती है तो किसी तरह के भोज का आयोजन नहीं करना। उस पैसे से गांव के लोगों के लिए पुल बना देना। जिससे लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
पिता की अंतिम इच्छा के अनुरूप विजय प्रकाश ने काम किया। 16 मई 2020 को महादेव झा का निधन हो गया। जिसके बाद उनके बेटे विजय प्रकाश आरसीसी पुल बनवाने में जुट गये। हालांकि कि कोरोना काल के कारण इसके निर्माण में थोड़ा विलंब जरूर हुआ लेकिन अब यह पुल पूरी तरह से बनकर तैयार है। इस आरसीसी पुल को बनाने में पांच लाख रुपये खर्च किया गया है। अरुणाचल प्रदेश में शिक्षक रहे महादेव झा की याद में पुल बनकर हो गया है। इस पुल पर महादेव झा के नाम का बोर्ड भी लगाया गया है जिसे गांव वालों को समर्पित किया गया है।