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17-Apr-2022 11:44 AM
PATNA : बोचहां का चुनाव परिणाम सामने आ चुका है. आरजेडी के अमर पासवान ने जीत हासिल की है. लेकिन इस सीट पर कांग्रेस ने जिस उम्मीदवार को मैदान में उतारा उसे नोटा से भी कम वोट हासिल हुए. बिहार कांग्रेस की मिट्टी पलीद हो गई क्योंकि नोटा के सामने कांग्रेसी कैंडिडेट की नाक कट गई. आपको बता दें कि तारापुर और कुशेश्वर विधानसभा सीट पर जब चुनाव हुए थे तो कांग्रेस ने महा गठबंधन से अलग जाकर उम्मीदवार उतारा था. इसी तर्ज पर बोचहां में भी कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारा लेकिन उनके उम्मीदवार की स्थिति इतनी खराब हुई कि नोटा में पड़े कुल वोटों से भी कम वोट कांग्रेस कैंडिडेट को मिले.
आपको बता दें कि बोचहां में जब मतगणना का काम पूरा हुआ तो नोटा में कुल 2966 वोट पड़े. जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार तरुण चौधरी को केवल 1336 वोट हासिल हुए. आरजेडी के उम्मीदवार अमर पासवान को जहां 48.52 फ़ीसदी वोट मिले. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार तरुण चौधरी को केवल 0.79 फ़ीसदी वोट ही हासिल हुए. कांग्रेस की फजीहत के बाद पार्टी के अंदर एक बार फिर से घमासान तेज हो गया है. एक तरफ प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने अपने उम्मीदवार की हार पर चुप्पी साध ली है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस में अब सामूहिक जवाबदेही के साथ फैसला होना चाहिए.
अजीत शर्मा ने कहा है कि जिसे कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार बनाकर बोचहां में उतारा गया दरअसल वह कांग्रेस का उम्मीदवार था ही नहीं. वह पार्टी का नहीं पर्सनल कैंडिडेट था. हमसे इस बारे में कोई बातचीत पार्टी नेतृत्व ने नहीं की. ना किसी विधायक से चर्चा हुई और ना ही मुजफ्फरपुर के विधायक विजेंद्र चौधरी से भी इस मामले पर कोई बातचीत हुई. मुजफ्फरपुर के जिलाध्यक्ष तक को नहीं पता था कि बोचहां में किसे उम्मीदवार बनाया जा रहा है. जब हमारी कोई सलाह ही नहीं ली गई तो इसे कांग्रेस का उम्मीदवार कैसे कहा जा सकता है. आपको बता दें कि तरुण चौधरी को उम्मीदवार बनाए जाने के पीछे प्रभारी भक्त चरण दास और प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मदन मोहन झा ही जवाब देंगे.