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28-Feb-2020 02:44 PM
By Ranjan Kumar
SASARAM : नन्ही नवीरा बोल उठी मुझे मम्मी की तरह 'नियोजित शिक्षक' नहीं नानी की तरह 'नियमित शिक्षक' बनना है। नवीरा अपनी मम्मी के साथ हड़ताली शिक्षकों के बीच पहुंची तो कहा कि नानी को जितना पेंशन मिलता है मम्मी को उतना वेतन भी नहीं मिलता। मैं भी शिक्षक बनना चाहती हूं पर मम्मी नहीं नानी की तरह बनूंगी। नन्ही नवीरा की बातों ने नियोजित शिक्षकों के दर्द को उजागर कर दिया।शिक्षकों के बच्चों के साथ-साथ पहुंचे पूरा परिवार हक की लड़ाई में कूद गया है।
समान काम समान वेतन और समान सेवा शर्त समेत सात सूत्री मांगों के लिए अनिश्चित कालीन हड़ताल पर उतरे नियोजित शिक्षकों की हड़ताल के दौरान रोहतास जिला के करगहर प्रखंड कार्यालय पर आज विरोध में शिक्षकों के साथ-साथ उनका पूरा परिवार उतर गया। किसी के माता-पिता तो किसी के बच्चें तो कोई भाई-बहन के साथ पहुंचा था। बच्चों ने नीतीश अंकल से अपने मम्मी-पापा के लिए नीतीश अंकल से गुहार लगायी। बच्चों ने कहा कि ये हमारे भविष्य का सवाल है।
नन्ही नवीरा अपने मम्मी के साथ पहुंची थी। उसकी बातों ने सभी को आकर्षित किया। बोली मेरी मम्मी भी टीचर है नानी भी लेकिन मम्मी नियोजित शिक्षक है और नानी नियमित शिक्षक हैं। मैं भी बड़ी होकर शिक्षक बनूंगी लेकिन मम्मी की तरह नहीं नानी की तरह बनना है मुझे। नानी को जितना पेंशन मिलता है उतना तो मम्मी को वेतन नहीं मिलता। मम्मी को कम वेतन मिलने से हमारा भविष्य भी खतरे में हैं। वहीं विरोध कर रही महिला शिक्षकों ने कहा कि कम वेतन मिलने से उनके संयुक्त परिवार पर खतरा पैदा हो गया है। इतने कम वेतन में संयुक्त परिवार का बोझ उठाना मुश्किल हो गया है।