BIHAR: ग्रामीण इलाकों में इलाज के नाम पर चल रहा मौत का कारोबार, कलेर में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से महिला की मौत सारण: एकमा में बिजली मिस्त्री को अपराधियों ने मारी गोली, पटना में ऑपरेशन कर निकाली गई गोली VAISHALI: सिक्स लेन ब्रिज पर 2 बाइक की सीधी टक्कर, एक युवक की घटनास्थल पर ही मौत, 4 की हालत नाजुक बेगूसराय में दर्दनाक सड़क हादसा: स्कूल से घर स्कूटी से लौट रही शिक्षिका की मौत BIHAR: 20 KM दूरी तय कर शराब की होम डिलीवरी करने आया था जमुई, मलयपुर पुलिस ने 2 शराब तस्कर को खदेड़कर पकड़ा बगहा में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत, आशा कार्यकर्ता भी शक के घेरे में पटना के महिला कॉलेजों में लगेगा पिंक बस पास कैंप, छात्राओं को मिलेगी बड़ी राहत जेपी के सपनों का अपमान कर रहे हैं तेजस्वी यादव: ऋतुराज सिन्हा Patna Crime News: पटना में फर्जी दारोगा रवि किशन अरेस्ट, पुलिस की वर्दी पहनकर करता था शराब की स्मगलिंग Patna Crime News: पटना में फर्जी दारोगा रवि किशन अरेस्ट, पुलिस की वर्दी पहनकर करता था शराब की स्मगलिंग
09-Apr-2021 07:03 AM
PATNA : बिहार के किसानों को नीतीश सरकार अब बड़ा झटका देने वाली है। राज्य के किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर मिलने वाला अनुदान अब खत्म होने वाला है। अनुदान की योजना राज्य सरकार बंद करने जा रही है। नये वित्तीय वर्ष के लिए राज्य में बन रही योजनाओं में कृषि यंत्रीकरण को शामिल नहीं किया गया है। हालांकि केंद्र की योजना से किसानों को अनुदान मिलेगा। लेकिन, किसी भी यंत्र पर अनुदान किसी परिस्थिति में 50 प्रतिशत से अधिक का नहीं होगा। पराली प्रबंधन से जुड़े कुछ यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा सकता है लेकिन उसकी भी अनुमति विभाग को लेनी होगी। पहले कई यंत्रों पर सरकार 90 प्रतिशत तक अनुदान पहले देती थी।
किसानों को इससे पहले डीजल अनुदान देना सरकार ने बंद कर दिया था और अब यंत्रों पर अनुदान देना बंद कर रही है। इसका अनुमान बीते साल की योजना से ही लग गया था। बीते साल सरकार ने मात्र 23 करोड़ रुपये की व्यवस्था यंत्रों पर अनुदान के लिए की थी। इसके पहले वर्ष में 165 करोड़ और उससे भी पहले लगभग 200 करोड़ तक अनुदान के लिए पैसा विभाग के पास होता था।
राज्य के 50 हजार किसान औसतन हर साल इस योजना का लाभ लेते थे। 200 करोड़ रुपए तक का अनुदान सरकार की तरफ से दिया जाता था। राज्य सरकार की तरफ से 71 कृषि यंत्रों पर पहले अनुदान की व्यवस्था थी जिसे धीरे-धीरे कम कर दिया गया और अब इस योजना का ही स्वरूप खत्म किया जा रहा है।