Bihar News: बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में होगी तीन हजार से अधिक बहाली, दिल्ली AIIMS की तर्ज पर विकसित करने का लक्ष्य Bihar News: बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में होगी तीन हजार से अधिक बहाली, दिल्ली AIIMS की तर्ज पर विकसित करने का लक्ष्य Success Story: कौन हैं डॉक्टर से IAS बनीं अर्तिका शुक्ला? जिन्होंने बिना कोचिंग UPSC में लाया 4th रैंक; जानें... सफलता की कहानी Which pulse is Good for Health: शरीर की जरूरत के अनुसार चुनें दाल, जानें किससे मिलेगा ज्यादा फायदा Bihar News: बिहार में दो सगी बहनों की डूबने से मौत, गंगा स्नान के दौरान हुआ हादसा Bihar News: बिहार में दो सगी बहनों की डूबने से मौत, गंगा स्नान के दौरान हुआ हादसा Kerala Congress Controversy: ‘B से बीड़ी और B से बिहार’ केरल कांग्रेस के विवादित पोस्ट पर फजीहत के बाद एक्शन, सोशल मीडिया चीफ को देना पड़ा इस्तीफा Kerala Congress Controversy: ‘B से बीड़ी और B से बिहार’ केरल कांग्रेस के विवादित पोस्ट पर फजीहत के बाद एक्शन, सोशल मीडिया चीफ को देना पड़ा इस्तीफा Patna News: पटना का वांटेड अपराधी शैलेन्द्र यादव गिरफ्तार, देसी कट्टा और कारतूस बरामद SBI Clerk Prelims Exam 2025: SBI क्लर्क भर्ती प्रारंभिक परीक्षा की तारीखें घोषित, 6589 पदों पर होगी बहाली
02-Jul-2022 01:10 PM
PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हफ्ते भर से चुप्पी साध रखी है। नीतीश कुमार की खामोशी तब है जब बीजेपी ने खुला ऐलान कर दिया है कि बिहार में एनडीए के एकमात्र नेता वही हैं। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खुद नीतीश से मुलाकात के बाद पटना में यह घोषणा कर दी थी कि 2025 में भी एनडीए का नेतृत्व करेंगे।
इन सबके बावजूद पूरा मानसून निकल गया और नीतीश कुमार की खामोशी नहीं टूटी। विधानमंडल का मानसून सत्र छोटा था लेकिन बेहद हंगामेदार रहा। विपक्ष ने अग्निपथ योजना के खिलाफ सत्र के दौरान जबरदस्त हंगामा खड़ा किया लेकिन दोनों सदनों की बैठकों में शामिल होने के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी जुबान नहीं खोली। नीतीश कुमार की चुप्पी बिहार के राजनीतिक पंडितों के लिए एक पहेली बनी हुई है।
दरअसल नीतीश कुमार की राजनीति को समझने वाले यह जानते हैं कि नीतीश ऐसे मौकों पर चुप्पी साध लेते हैं जब उन्हें लगता है कि जुबान खोलने से उनके सियासत को नुकसान हो सकता है। अग्निपथ योजना को लेकर बिहार में सबसे अधिक हिंसक आंदोलन हुआ। लेकिन नीतीश कुमार ने इस मामले में कुछ भी नहीं कहा। उनके पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इस मसले पर स्टैंड क्लियर किया। लेकिन नीतीश चुप रहे।
यही हाल राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन को लेकर हुआ। नीतीश कुमार ने अपनी तरफ से कुछ भी नहीं कहा। हालांकि ललन सिंह ने यह बात जरूर कहा कि नीतीश कुमार ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला लिया है। नीतीश कुमार की खामोशी की चर्चा करें तो 20 जून को जनता दरबार कार्यक्रम के बाद उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग में तमाम मसलों पर अपनी राय रखी थी। इसके बाद नीतीश जेपी गंगा पथ के उद्घाटन कार्यक्रम में खुले मंच से भाषण किए थे। लेकिन 24 जून के बाद नीतीश कुमार ने अब तक कहीं भी कोई बयान नहीं दिया है।
नीतीश कुमार की इसी चुप्पी ने भारतीय जनता पार्टी को बेचैन कर रखा है। नीतीश के नेतृत्व के आगे नतमस्तक भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर मुख्यमंत्री खामोश क्यों हैं? अग्निपथ से लेकर देश में उदयपुर जैसी घटना को लेकर नीतीश कुमार ने अब तक कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी? क्या नीतीश की खामोशी जब टूटेगी तो बिहार की राजनीति के लिए उथल-पुथल वाला दौर शुरू होगा?
यह तमाम ऐसे सवाल हैं जो फिलहाल बिहार बीजेपी से जुड़े नेताओं के मन में उठ रहे हैं। नीतीश को इस मामले में गंभीरता से ले रहे है और यही वजह है कि धर्मेंद्र प्रधान को आगे कर पिछले दिनों पार्टी ने नीतीश के नेतृत्व और उनके महिमा मंडन का फैसला किया। राष्ट्रपति चुनाव में भी नीतीश कुमार की पार्टी ने बीजेपी के फैसले का समर्थन किया लेकिन इन सबके बावजूद और खामोशी को लेकर सवाल हैं और उन सवालों का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं।