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25-Feb-2020 03:41 PM
PATNA: बिहार विधानसभा में आज बीजेपी ने नीतीश कुमार के सामने सरेंडर कर दिया. नीतीश कुमार की पहल पर आज विधानसभा से प्रस्ताव पारित करा लिया गया कि सूबे में NRC लागू नहीं होगा. विधानसभा ने मौजूदा NPR को भी खारिज करते हुए 2010 की तर्ज पर ही NPR लागू करने का प्रस्ताव पारित कर दिया. नीतीश कुमार और RJD की सहमति से ये प्रस्ताव पारित हुआ और 54 विधायकों के साथ सदन में बैठी बीजेपी चुपचाप मुंह देखती रह गयी.
बिहार विधानसभा से पारित हुआ प्रस्ताव
विधानसभा में आज सारा काम रोक कर NRC, NPR, CAA पर चर्चा हुई थी. इसी चर्चा के दौरान आरजेडी, कांग्रेस, माले समेत दूसरी विपक्षी पार्टियों ने NRC और NPR के खिलाफ सदन से प्रस्ताव पारित करने की मांग की थी. जवाब में बोलने खड़े हुए नीतीश कुमार ने NRC पर प्रधानमंत्री मोदी के उस भाषण को पढ़ा जो उन्होंने दिल्ली में दिया था. नीतीश ने NRC पर अपने स्टैंड को दुहराया. उन्होंने कहा कि बिहार में NRC लागू नहीं होगा.
नीतीश के इसी बयान के बाद सदन में NRC के खिलाफ प्रस्ताव को तैयार किया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रस्ताव तैयार करने में बीजेपी नेताओं को किनारे कर दिया गया था. दूसरे हाफ में जब सदन में चर्चा शुरू हुई तो जेडीयू ने ही प्रस्ताव पारित करने की मांग कर दी. इसके बाद अध्यक्ष ने प्रस्ताव पढ़ा
"ये सदन सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करती है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) में ट्रांसजेंडर को भी जोड़ा जाये और 2010 की तर्ज पर ही NPR तैयार हो. सदन ये भी प्रस्ताव पारित करती है कि बिहार में NRC की कोई जरूरत नहीं है."
नीतीश के सामने नतमस्तक बीजेपी
बिहार विधानसभा में आज जब ये सब हो रहा था तो बीजेपी विधायकों के चेहरे देखने लायक थे. बिहार में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने का मुद्दा बीजेपी की पुरानी मांग रही है. पिछले चार दशक से बिहार में बीजेपी के नेता सीमांचल के इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मामला उठाते आ रहे हैं.
विधानसभा में आज जब प्रस्ताव पारित हुआ कि सूबे में NRC की कोई जरूरत नहीं है तो मतलब यही था कि बिहार में कोई घुसपैठिया नहीं है. विधानसभा अध्यक्ष ने ये प्रस्ताव पढा और जब सदस्यों को समर्थन करने को कहा तो जेडीयू और आरजेडी-कांग्रेस के विधायक जोश में थे. बीजेपी के विधायक खामोश बैठे मुंह देख रहे थे.
अमित शाह से ज्यादा अहम नीतीश
ज्यादा दिनों की बात नहीं है जब गृह मंत्री अमित शाह संसद में बार-बार ये दुहरा रहे थे कि देश में हर हाल में NRC लागू होकर रहेगा. CAA पास होने के बाद जब बवाल हुआ तो प्रधानमंत्री ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि अभी NRC का प्रस्ताव तैयार नहीं हुआ है. लेकिन प्रधानमंत्री ने एक बार भी नहीं कहा कि देश में NRC लागू नहीं होगा. वहीं अमित शाह ने कभी ये नहीं कहा कि देश में NRC लागू नहीं होगा.
लेकिन इन सबके बीच बिहार में आज ये प्रस्ताव पारित कर दिया गया कि NRC लागू नहीं किया जायेगा. विधानसभा में बीजेपी ने इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया. यानि वो भी इसके समर्थन में रही. जाहिर है बिहार में सत्ता के लिए बीजेपी के लिए अमित शाह से ज्यादा नीतीश कुमार अहम हो गये हैं.