Bihar cold wave: बिहार में बढ़ती ठंड और कोहरे ने बढ़ाई परेशानी, विजिबिलिटी 300 मीटर तक गिरी; कैमूर रहा सबसे ठंडा जिला जिम में पसीना बहाते तेज प्रताप का वीडियो वायरल, TY Vlog से बढ़ी लोकप्रियता SBI का ATM काटकर 16 लाख की लूट, गार्ड नहीं रहने के कारण बदमाशों ने दिया घटना को अंजाम पटना में 25 जगहों पर बनेंगे वेंडिंग जोन, GIS मैपिंग और कचरा प्रबंधन को मिलेगी रफ़्तार: मंत्री नितिन नवीन देवघर के युवक की जमुई में गोली मारकर हत्या, दोस्तों के साथ पूजा में शामिल होने आया था विनोद सहरसा में जेई लूटकांड का खुलासा: हथियार और लूटे गये सामान के साथ अपराधी गिरफ्तार दरभंगा में बीजेपी नेता के घर 10 लाख की चोरी, बंद घर को चोरों ने बनाया निशाना जमुई में पत्थर से कुचलकर 10 साल के बच्चे की हत्या, पड़ोसी ने दिया घटना को दिया अंजाम, पुलिस ने दबोचा ‘आ जाऊंगा यार, I love you..’, लेडी DSP कल्पना वर्मा केस में फोटो और चैट वायरल, पुलिस महकमे में हड़कंप ‘आ जाऊंगा यार, I love you..’, लेडी DSP कल्पना वर्मा केस में फोटो और चैट वायरल, पुलिस महकमे में हड़कंप
21-Jun-2024 04:09 PM
By First Bihar
MUZAFFARPUR: मुजफ्फरपुर में नौकरी का झांसा देकर लड़कियों के साथ यौन शोषण करने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार ने मीडिया रिपोर्ट्स पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
दरअसल, सारण की रहने वाली एक युवती ने कोर्ट में परिवाद दायर कर अहियापुर स्थित डीबीआर नेटवर्किंग कपनी पर आरोप लगाया था कि पहले उसे अच्छी सैलरी देने का झांसा देकर कंपनी में ज्वाइन कराया गया और बाद में झूठी शादी कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया गया। युवती ने आरोप लगाया है कि ऐसे सिर्फ उसके साथ ही नहीं किया गया बल्कि कंपनी में काम करने वाली बड़ी संख्या में लड़कियों के साथ किया गया है।
मीडिया में खबर आने के बाद आयोग ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि नेटवर्किंग कंपनी में काम करने वाली महिलाओं ने संचालक ने गंभीर आरोप लगाए हैं। संचालक ने नशीली गोलियां खिलाई, उन्हें पीटा तथा शारीरिक संबंध बनाने पर मजबूर किया। ऐसा 100 से अधिक लड़कियों के साथ किया गया। कंपनी के खिलाफ अलग-अलग जिलों में बड़ी संख्या में आपराधिक मामले दर्ज हैं लेकिन पुलिस ने इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पाया कि रिपोर्ट्स अगर सही है तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मामला है। इसको देखते हुए आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी से एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग ने यह भी कहा है कि रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख होना चाहिए कि संचालक और कंपनी के खिलाफ कितने आपराधिक मामले दर्ज है और उनकी जांच की क्या स्थिति है और अपराधियों के खिलाफ क्या एक्शन लिया गया।