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06-Mar-2020 07:33 AM
By HIMANSHU
MOTIHARI : एक तरफ सरकार आम लोगो से मधुर संबंध स्थापित करने के लिए प्रशासनिक पदाधिकारी को एक रात गांव में गुजारने को कहती है तो वहीं ठीक इसके विपरीत रक्सौल अनुमंडल के आदापुर में किसान को अपने खेत का मुआवजा मांगना महंगा पड़ गया.
मुआवजा नहीं मिलने तक निर्माण कार्य रोकने की बात किसान के कहते ही रक्सौल डीसीएलआर आगबबूला होकर किसान पर टूट पड़े. उपस्थित पदाधिकारियों के बीच बचाव के बाद ममला शांत हुआ. इस दौरान डीसीएलआर मे किसान के साथ धक्का-मुक्की भी की.
दरअसल नेपाल सीमा के समानांतर हो रहे सड़क निर्माण के दौरान भूस्वामियों की शिकायत पर रक्सौल डीसीएलआर मनीष कुमार जांच को पहुंचें. जहां अधिगृहित भूमि की मुआवजा की मांग को लेकर दर्जनों भूस्वामियों ने निर्माण कार्य को रोक दिया था. जिसकी जानकारी निर्माण कार्य मे जुटे कंपनी के प्रतिनिधि ने अधिकारियों को दी.
अधिकारी के पहुंचते ही भूस्वामी मनीर मियां, आबिद हुसैन, बालिस्टर दास, सहित कई लोगों ने बताया कि सरकारी स्तर पर भूमि अधिग्रहण से संबंधित नोटिस चार साल पहले ही मिला था. इसके बावजुद अभी तक मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है. अधिकारी हर बार टाल देते हैं. जिसके बाद उन सब ने निर्माण कार्य रोक दिया. इसी दौरान भूस्वामी कृष्णा दास ने कहा कि जबतक मुआवजा का भुगतान नहीं होता निर्माण कार्य को अवरुद्ध रखेंगे. इससे आक्रोशित डीसीएलआर मनीष कुमार कृष्णा दास से उलझ गए और धक्कामुक्की करने लगे.
इसी बीच मामला बढ़ता देख मौके पर रहे अन्य अधिकारियों और लोगों ने मामला शांत कराया. इस बाबत डीसीएलआर मनीष कुमार ने बताया कि भुगतान लंबित से संबंधित जो भी मामला है उसे शीघ्र दूर करने का प्रयास किया जाएगा. बतादें कि अधिगृहित भूमि के दर्जनों ऐसे मामले हैं जो आपसी भाईचारे व पट्टीदारी में हिस्सेदारी को लेकर किसी दूसरे के हिस्से का मुआवजा किसी और को मिल गया है. जिसको लेकर सरकारी स्तर पर रिकवरी और वास्तविक भुगतान की प्रक्रिया चल रही है.