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20-Sep-2024 08:11 AM
By First Bihar
बिहार भूमि सर्वेक्षण 2024 के दौरान पुश्तैनी संपत्ति का बंटवारा करने का यह सबसे अच्छा मौका है। जिन लोगों के पास जमीन की ऑनलाइन रसीद है और वे उस पर कब्जा कर रहे हैं उन्हें कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं है। सर्वे के दौरान ही बंटवारे को मान्यता मिल जाएगी और नया खतियान भी उसी हिसाब से तैयार हो जाएगा। इसी तरह हमने आज फर्स्ट बिहार से पूछे जा रहे जनता के सवालों को लेकर जमीन सर्वें कर रहे अधिकारियों से बातचीत की और उनसे सभी सवालों का जवाब माँगा। पढ़िए उन्होंने आपके सवालों का किस तरह से जवाब दिया।
जब हमने जमीन सर्वें से जुड़े एक अधिकारी से जनता से जुड़े सवालों को फर्स्ट बिहार के प्लेटफार्म पर पूछा तो उन्होंने इसका बखूबी तरीके से जवाब दिया। हमने पूछा कि सर्वे का प्रोसेस क्या है, इसके लिए क्या डॉक्यूमेंट चाहिए? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जमीन मालिक (रैयत) को सबसे पहले एक फॉर्म भरना है। इसके जरिए जमीन से संबंधित सभी जानकारी सरकार के डॉक्यूमेंट में दर्ज होगी। फॉर्म के साथ आप खतियान, केवाला (डीड), रसीद (मोटेशन), की फोटो कॉपी जमा कर सकते हैं।
इसके बाद हमारा दूसरा सवाल फॉर्म भरने की पूरी प्रक्रिया क्या है? इसके जवाब में उन्होंने बताया कि विभाग ने दो फॉर्म जारी किए हैं। पहला- प्रपत्र-2 और दूसरा-प्रपत्र- 3(ए) है। अब प्रपत्र-2 में लोगों से जमीन से संबंधित 11 तरह की जानकारी मांगी जा रही है। इसमें रैयत (जमीन मालिक) और हिस्सेदार का नाम, स्थायी पता, खाता नंबर, खसरा नंबर, रकबा, जमीन की चौहद्दी, जमीन किस किस्म की है, लगान की राशि, जमाबंदी और अभियुक्ति शामिल है।
जबकि प्रपत्र-3 (ए) इसे ही वंशावली भी कहा जाता है। इसमें मुख्य रूप से पूर्वजों से लेकर अब तक अपने परिवार की (फेमिली ट्री) जानकारी देनी है। फॉर्म में तीन लोगों के भरने की व्यवस्था है। विभाग से दी गई जानकारी के मुताबिक इसे सादे पेपर पर भी तैयार किया जा सकता है। फॉर्म में शुरुआती तौर पर तीन नाम को भरने की जगह दी गई है।
अब हमने उनसे सवाल किया कि इसका फॉर्म कहां से मिलेगा ? इसके जवाब में उन्होंने बताया कि अंचल कार्यालय (सर्किल ऑफिस) से फॉर्म ले सकते हैं। लेकिन अगर आप कहीं जाना नहीं चाहते हैं तो भू-राजस्व विभाग के पोर्टल https://dlrs.bihar .gov.in/ से फॉर्म को घर बैठे डाउनलोड कर सकते हैं। ऑनलाइन और ऑफलाइन फॉर्म लेने के बाद इसे दोनों तरीके से जमा भी कर सकते हैं।
इसके बाद हमने पूछा कि क्या बाहर रहने वाले जमीन मालिक को आना होगा? इसका जवाब में उन्होंने कहा कि नहीं उनको बिहार आने की कोई जरूरत नहीं है। ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से वे अप्लाई कर सकते हैं। फिर हमने पूछा कि सर्वे की जानकारी के लिए किस कार्यालय में जाना होगा? वहां किस अधिकारी से मिलना होगा? इसके जवाब में बताया गया कि ब्लॉक में जाना होगा।
वहां एक विशेष सर्वेक्षण बंदोबस्त पदाधिकारी और अंचल पदाधिकारी होते हैं। लैंड सर्वे में वे प्रखंड स्तर के सबसे बड़े पदाधिकारी होते हैं। सर्वे के लिए इनकी टीम में कानूनगो, क्लर्क के अलावा अमीनों की एक टीम तैयार की गई है। इसके अलावा हमने सवाल किया कि अगर कोई कागज नहीं है तो क्या जमीन सरकार ले लेगी? इसका जवाब था नहीं यह पूरी तरह से अफवाह है। इसमें जरा सी भी सच्चाई नहीं है। सरकार किसी की जमीन नहीं ले रही है।'