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09-Jul-2023 07:52 PM
By First Bihar
PATNA: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर सियासत गर्म है। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में हुई हिंसा की घटनाओं की तुलना लालू-राबड़ी के शासनकाल से की है। उन्होंने कहा है कि बंगाल के हालात लालू-राबड़ी शासित बिहार की चुनावी हिंसा की याद ताजा कर रहे हैं। उन्होंने सीएम नीतीश को चुनौती दी है कि हिम्मत है तो ममता बनर्जी से बात कर हिंसा को बंद कराएं।
सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में खुलकर हुई बमबाजी, आगजनी और बूथ लूट की घटनाओं से लोकतंत्र लहूलुहान हो गया हैं। 50 से ज्यादा लोगों की जान गई बावजूद इसके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल के हालात लालू-राबड़ी शासनकाल के दौरान बिहार की चुनावी हिंसा की याद ताजा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लालू राज में जब अंतिम बार पंचायत चुनाव हुए थे, तब 150 से अधिक लोग मारे गए थे। लालू राज में चुनावी हिंसा और बूथ लूट के बिना कोई चुनाव ही नहीं होता था। ऐसा भी चुनाव हुआ, जब बिहार सरकार के 12 मंत्री बूथ लूट के आरोप में गिरफ्तार हुए थे। तत्कालीन चुनाव आयुक्त टीएन शेषन और बाद में आयोग के पर्यवेक्षक केजे राव की सख्ती से बिहार में चुनावी हिंसा पर लगाम लगी थी।
सुशील मोदी ने कहा कि ममता बनर्जी और लालू प्रसाद के लिए बूथ लूट ही लोकतंत्र है। ईवाएम से लोकतंत्र मजबूत हुआ और बूथलूट बंद हुई, इसलिए ये लोग इस पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल में केवल भाजपा के नहीं, विपक्षी खेमे के दो प्रमुख दलों (कांग्रेस, माकपा) के कार्यकर्ता भी मारे जा रहे हैं। नीतीश कुमार में हिम्मत है तो ममता बनर्जी से बात कर हिंसा बंद कराएं। उन्हें ममता राज में लोकतंत्र की हत्या नहीं दिख रही।