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06-Sep-2023 04:56 PM
By First Bihar
KAIMUR: बिहार के कैमूर जिले में घोटाले का दौर जारी है। अभी कचरा से खाद बनाने के नाम पर घोटाले का मामला सामने आया ही था कि एक बार फिर शौचालय घोटाला सामने आ गया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी भभुआ ने जो गए जांच कराये उसमें 273 वैसे फर्जी लाभुक को शौचालय की राशि का भुगतान किया गया जिन्होंने शौचालय बनवाया ही नहीं है।
इस घोटाले में सबसे बड़ी बात यह रही कि पेमेंट किसी बैंक के खातों को नहीं किया गया है बल्कि एयरटेल और फिनो जैसे छोटे बैंक में भेज दिया गया है। कई लोगों का पता भी फर्जी निकला है। नीतीश कुमार सहित चार लोगों के खिलाफ प्रखंड विकास पदाधिकारी ने प्राथमिकी दर्ज करा डाला। जिसमें भभुआ प्रखंड कार्यालय का डाटा ऑपरेटर नीतीश कुमार, जिला मुख्यालय का डाटा ऑपरेटर पंकज कुमार, पूर्व के जिला समन्वयक हेमंत और जिला सलाहकार यशवंत कुमार का नाम शामिल है। बीडीओ द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद जिले की पदाधिकारी ने पांच सदस्यीय टीम बनाकर पूरे मामले का जांच जब शुरू की तो पता चला कि पेमेंट प्रखंड विकास पदाधिकारी भभुआ के डोंगल से किया गया है।
इसके बाद जांच टीम ने प्रखंड विकास पदाधिकारी भभुआ को भी दोषी मानते हुए कुल पांच लोगों को आरोपित बनाया है। सबसे बड़ी बात है कि शौचालय राशि के भुगतान से पहले उसका स्पॉट वेरिफिकेशन किया जाता है। जियो टैगिंग की जाती है उसके बाद ही भुगतान करने का प्रावधान है। इतना बड़ा घोटाला 273 शौचालय का करीब 30 लाख रुपए की छोटी सी जांच में भभुआ प्रखंड में पाया गया तो अगर इस पूरे प्रकरण का कैमूर जिले के सभी प्रखंडों में जांच कराया जाए तो और भी घोटाले के मामले सामने आएंगे।
प्रखंड विकास पदाधिकारी भभुआ ने जानकारी देते हुए बताया ओडीएफ 2 के तहत शौचालय का भुगतान किया जा रहा था। जिसका स्पॉट वेरिफिकेशन कर और जियो टैगिंग कर ही भुगतान देना होता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जब कैमूर दौरा था तब शौचालय का भुगतान करने के लिए जिला से कई बार मुझे बोला गया था। तब मेरे कान खड़े हुए तो मैंने पूरे मामले का जांच शुरू की तो पाया कि 273 ऐसे शौचालयों का भुगतान कर दिया गया है। जिनका कोई प्रमाण नहीं है । यह सभी अयोग्य हैं इसके बाद मैंने चार लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराया है।
जांच टीम ने जांच किया वह मेरे सभी बातों से संतुष्ट भी हुए लेकिन पता नहीं किसके दबाव में आकर मुझे भी इसमें दोषी बनाया गया। यह समझ से परे है। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इसकी जांच विजलेंस से कराई जानी चाहिए क्योंकि इस पूरे मामले का खुलासा हमने ही किया है।
कैमूर डीडीसी गजेंद्र प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया भभुआ प्रखंड क्षेत्र में अवैध फर्जी शौचालय का भुगतान करने का मामला सामने आया था। पूरे प्रकरण का जांच कराया गया तो कई अयोग्य लाभुकों को भुगतान कर दिया गया है। यह सारा भुगतान बिडियो के डोंगल से हुआ है जिस कारण बिडियो भी इनमें दोषी हैं। बिडियो सहित कुल चार-पांच लोगों को दोषी मानते हुए विभागिय कार्रवाई शुरू की जाएगी।