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22-Nov-2023 07:31 AM
MUZAFFARPUR : बिहार में जबसे शिक्षा विभाग की कमान के के पाठक ने संभाली है तबसे वो लगातार कोई न कोई नया फरमान जारी करते रहते हैं। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला मुजफ्फरपुर से निकल कर सामने आ रहा है। जहां स्कूलों से गायब 58 शिक्षकों का वेतन बंद कर दिया गया है। इनलोगों पर 'नो वर्क - नो पे ' के नियम के अनुरूप एक्शन लिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश का शिक्षा अधिकारी कड़ाई से पालन कर रहे हैं। ऐसे में लापरवाह शिक्षकों पर एक्शन जारी है। इसी के तहत मुजफ्फरपुर जिले के 15 प्रखंडों के 58 शिक्षकों के वेतन बंद कर दिये गये हैं। इनलोगों पर बिना सूचना अनुपस्थित रहने के कारण जिला शिक्षा अधिकारी अजय कुमार सिंह ने यह कार्रवाई की है। मंगलवार को डीईओ ने इस संबंध में संबंधित शिक्षकों, डीडीओ और हेडमास्टर को निर्देश जारी किया है।
वहीं, शिक्षा विभाग के आदेश के आलोक में स्कूलों में निरीक्षण के दौरान ये शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए थे। 6 अक्टूबर से 4 नवंबर के बीच 58 शिक्षक बिना सूचना के स्कूल में अनुपस्थित मिले। इनमें कई शिक्षक ऐसे हैं जो लगातार 15 से 22 दिनों तक स्कूल से बिना सूचना के अनुपस्थित मिले हैं। डीईओ ने इन सभी शिक्षकों-शिक्षिकाओं को तीन दिनों के भीतर साक्ष्य आधारित स्पष्ट कारण कार्यालय को उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
बताया जा रहा है कि, सबसे अधिक शिक्षक मोतीपुर और मीनापुर में गायब मिले हैं। मोतीपुर में 15 शिक्षक बिना सूचना के स्कूल से गायब मिले हैं। इनमें कई शिक्षक ऐसे हैं जो 9 अक्टूबर से 3 नवंबर तक लगातार बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए हैं। उनमें से मीनापुर में 10 शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित मिले हैं। यहां भी कई शिक्षक ऐसे हैं जो 9 अक्टूबर से 3 नवंबर तक स्कूल से बिना सूचना के अनुपस्थित मिले हैं। बंदरा में एक शिक्षक, साहेबगंज में चार शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित मिले। कटरा में चार शिक्षक, पारु में दो शिक्षक, मुरौल में पांच शिक्षक, सकरा में दो शिक्षक, सरैया में दो शिक्षक मुशहरी में दो शिक्षक, बोचहां में एक शिक्षक, मड़वन में एक शिक्षक, कुढ़नी में पांच शिक्षक, कांटी में तीन शिक्षक, औराई में एक शिक्षक समेत अन्य प्रखंडों में भी अलग-अलग संख्या में शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए हैं।
उधर, डीईओ ने कहा है कि अगर समय पर इनका स्पष्टीकरण नहीं मिलता है तो विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए संबंधित शिक्षक और शिक्षिका जवाबदेह होंगे। निरीक्षण तिथि का वेतन नो वर्क नो पे के आलोक में इन्हें नहीं मिलेगा। इनमें कई शिक्षक ऐसे हैं जो लगातार 15 से 22 दिनों तक स्कूल से बिना सूचना के अनुपस्थित मिले हैं।