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20-Nov-2022 08:35 PM
PATNA : जनता दल यूनाइटेड में इन दिनों संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। पिछले दिनों प्रखंड स्तर तक के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी और अब जिलाध्यक्षों का चुनाव हो रहा है। आज जिलाध्यक्षों के चुनाव के दौरान कई जिलों से हंगामे की खबरें सामने आई हैं। हैरत की बात यह है कि चुनाव में धांधली का आरोप पार्टी के ही नेता लगा रहे हैं। हालांकि जिलाध्यक्षों का चुनाव संपन्न कराने के लिए मुख्यालय स्तर से पर्यवेक्षकों को भेजा गया है, लेकिन जहां–जहां हंगामा हुआ वहां पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया कि पर्यवेक्षक धांधली करा रहे हैं। मतदाता सूची बनाने में गड़बड़ी हुई है या किसी उम्मीदवार विशेष को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए जबरदस्ती दबाव बनाया गया है। यह सब कुछ पार्टी के अंदर संगठन चुनाव में हो रहा है जिसके नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पारदर्शिता की बात करते हैं।
हंगामे की पहली खबर गया से सामने आई। गया में महानगर अध्यक्ष पद के लिए चुनाव के दौरान खूब हंगामा देखने को मिला। बात इतनी बढ़ गई कि पुलिस तक को बीच-बचाव करना पड़ा। दरअसल, महानगर अध्यक्ष पद के लिए 4 उम्मीदवार मैदान में थे। मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए उम्मीदवारों ने हंगामा किया। पूर्व महानगर अध्यक्ष राजू वर्णवाल को हंगामे के बीच ही निर्वाचित घोषित कर दिया गया, लेकिन मैदान में उतरे दूसरे उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि फर्जी मतदाता के जरिए जीत हासिल की गई है। राजू वर्णवाल का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है, एक दौर था जब राजू वर्णवाल पार्टी छोड़कर बागी उम्मीदवार के तौर पर भी चुनाव में उतर गए थे। इसके बावजूद राजू वर्णवाल से नेतृत्व का मोह किसी से छिपा नहीं है। यही वजह रही कि नेतृत्व का आशीर्वाद राजू वर्णवाल के साथ रहा और बाकी उम्मीदवारों की हवा निकल गई। इसको लेकर तरह-तरह के आरोप भी बाकी उम्मीदवारों ने लगाए।
गोपालगंज में भी जिलाध्यक्ष चुनाव के दौरान हंगामा देखने को मिला। कुछ ऐसी ही तस्वीरें बक्सर से भी सामने आई बक्सर में जिलाध्यक्ष चुनाव के दौरान 7 उम्मीदवार ऐसे रहे जिन्होंने चुनावी प्रक्रिया का बहिष्कार कर दिया। विरोध के बावजूद निर्वाचन पदाधिकारी ने बंद कमरे में चुनाव कराया। जेडीयू जिलाध्यक्ष चुनाव के दौरान कुल 8 उम्मीदवार मैदान में थे। वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायत यहां भी सामने आई। 7 उम्मीदवारों ने विरोध किया यहां भी पुराने जिलाध्यक्ष रहे अशोक सिंह को एक बार फिर से निर्वाचित घोषित किया गया। नए चेहरों को यहां तरजीह नहीं मिली और 7 उम्मीदवारों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया।