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20-Jul-2022 07:57 AM
PATNA : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना दौरे के ठीक बाद पटना पुलिस में जिस फुलवारी शरीफ मॉड्यूल को लेकर खुलासा किया उसके आरोपियों को देशद्रोही बताए जाने के बावजूद जल्द जमानत मिल सकती है। दरअसल बिहार पुलिस ने आरोपियों को लेकर एक बड़ी चूक की है। देश विरोधी गतिविधि में शामिल आरोपियों के खिलाफ यूएपी एक्ट नहीं लगाया गया है। अगर यह एक्ट लगाया जाता तो इनके बच निकलने की उम्मीद खत्म हो जाती लेकिन यूएपी एक्ट के नहीं लगाए जाने से इन आरोपियों को जमानत मिल सकती है। इसे लेकर कानूनी जानकारों की राय सामने आई है।
फुलवारी शरीफ मॉड्यूल में भारत को 2047 तक के इस्लामिक राष्ट्र बनाने और गजवा ए हिंद मामले को लेकर 12 और 14 जुलाई को दो केस दर्ज किए गए लेकिन किसी में भी यूएपी एक्ट नहीं लगाया गया। कानूनी जानकारों की मानें तो ऐसे मामलों में पुलिस यूएपी एक्ट लगाती है लेकिन इस केस में इसका नहीं लगाया जाना अपने आप में अचरज पैदा करता है। यूएपी एक्ट के नहीं लगने से कोर्ट में पुलिस के लिए यह साबित करना भी आसान नहीं होगा कि जो आरोप लगाए गए हैं उसके लिए पर्याप्त सबूत हैं। दोनों केस में देशों में युद्ध छेड़ने, देश के खिलाफ साजिश, एक संप्रदाय को टारगेट करने समेत अन्य आरोपों के साथ आईपीसी की धाराएं लगाई गई हैं लेकिन यूएपी एक्ट नहीं लगाया गया है। कानूनी जानकार मानते हैं कि यूएपी एक्ट लगाया जाना चाहिए था। पूर्व डीजीपी अभ्यानंद के।मुताबिक पुलिस इस मामले में यूएपी एक्ट लागना चाहिए था हालांकि इस एक्ट को बाद में भी लगाया जा सकता है। पटना सिविल कोर्ट में एनआईए कोर्ट के अंदर डिफेंस के सीनियर एडवोकेट इमरान गनी के मुताबिक यूएपी एक्ट पुलिस लगा सकती है। इसमें डीएसपी स्तर के अधिकारी मामले की जांच करते हैं।
फुलवारी शरीफ मॉड्यूल के आरोपियों के ऊपर यूएपी नहीं लगाए जाने को लेकर पटना पुलिस ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है। पटना एसएसपी ने भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। जाहिर है पुलिस को भी लग रहा हो कि इस मामले में यूएपी एक्ट नहीं लगाने के कारण आरोपियों के बच निकलने का रास्ता खुल सकता है, उन्हें जमानत मिल सकती है। आपको बता दें कि इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जलालुद्दीन, अतहर परवेज की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है जबकि बाद में मरगूब अहमद, नूरुद्दीन जंगी और अरमान मलिक की गिरफ्तारी हुई है।