Bihar News: नीतीश सरकार युवाओं के लिए ला रही बड़ा अवसर, इस यूनिवर्सिटी से डिग्री ली तो नौकरी पक्की Bihar News: नीतीश सरकार युवाओं के लिए ला रही बड़ा अवसर, इस यूनिवर्सिटी से डिग्री ली तो नौकरी पक्की Air India Flight: मुंबई एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा टला, बारिश के बीच रनवे से फिसला एयर इंडिया का विमान Air India Flight: मुंबई एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा टला, बारिश के बीच रनवे से फिसला एयर इंडिया का विमान Patna News: पटना में स्नान के दौरान बड़ा हादसा, पांच बच्चे गंगा नदी में डूबे; तीन को लोगों ने बचाया Patna News: पटना में स्नान के दौरान बड़ा हादसा, पांच बच्चे गंगा नदी में डूबे; तीन को लोगों ने बचाया Bihar News: बिहार के आवासीय स्कूल से नाबालिग छात्रा लापता, परिजनों ने शिक्षकों पर लगाए गंभीर आरोप Bihar Police: महिला DSP ने ऐसा क्या किया जो पुलिस मुख्यालय ने पकड़ लिया ? IG हेडक्वार्टर की रिपोर्ट शुरू हुआ यह एक्शन Bihar Crime News: बिहार में आरजेडी नेता की पिटाई पर भारी बवाल, मारपीट और गोलीबारी के बीच फूंक दी बाइक; पुलिस टीम पर पथराव Bihar Crime News: बिहार में आरजेडी नेता की पिटाई पर भारी बवाल, मारपीट और गोलीबारी के बीच फूंक दी बाइक; पुलिस टीम पर पथराव
15-Dec-2024 04:24 PM
By First Bihar
धनु संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो तब मनाया जाता है जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं। यह दिन विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा करने के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सूर्य की पूजा करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। इस वर्ष धनु संक्रांति 15 दिसंबर, 2024 को मनाई जा रही है। आइए जानते हैं धनु संक्रांति से जुड़ी प्रमुख बातें और इसके विशेष मुहूर्त के बारे में।
धनु संक्रांति का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, धनु संक्रांति पर पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस दौरान विशेष पूजा, दान और स्नान करने से पुण्य मिलता है। इसके अलावा, महा पुण्य काल 03 बजकर 43 मिनट से लेकर 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा, जो कि एक घंटे 43 मिनट का है। यह समय और भी विशेष माना जाता है, जिसमें भगवान सूर्य की पूजा करने से अधिक फल की प्राप्ति होती है।
धनु संक्रांति से जुड़े महत्वपूर्ण नियम
स्नान और वस्त्र: इस दिन गंगास्नान का महत्व है। साथ ही, स्नान करने के बाद लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए, क्योंकि लाल रंग सूर्य देव से जुड़ा हुआ होता है और इसे शुभ माना जाता है।
सूर्य और विष्णु पूजा: भगवान सूर्य के साथ-साथ भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा भी करनी चाहिए। सूर्य देव के मंत्रों का जाप विशेष रूप से लाभकारी होता है। गायत्री मंत्र का जाप भी किया जा सकता है।
दान और पुण्य कर्म: इस दिन विशेष रूप से दान-पुण्य करने का महत्व है। गरीबों को खाद्य सामग्री, गर्म कपड़े, और अन्य जरूरतमंद चीजें दान करनी चाहिए। साथ ही, इस दिन तामसिक भोजन से परहेज कर सात्विक आहार लेना चाहिए।
पितरों की पूजा: इस दिन पितरों की पूजा और उनका ध्यान करने से जीवन में सकारात्मकता आती है। पितरों के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
व्रत और संयम: धनु संक्रांति के दिन व्रत रखने का भी विधान है। व्रत के दौरान संयम रखना, सात्विक आचरण अपनाना और तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए।
धनु संक्रांति पूजा के समय उपयोगी मंत्र
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:।।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।।
धनु संक्रांति का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समय-समय पर जीवन में सुख, समृद्धि और संतुलन लाने का भी अवसर है। इस दिन को सही तरीके से मनाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कष्ट दूर होते हैं।