Bihar News: बिहार की पहली ग्रीन पेपर मिल पटना में शुरू, हजारों को मिलेगा रोजगार Bihar Rain Alert: राज्य के 19 जिलों में बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी Indian Railways Veg Meal Price: रेलवे यात्रियों के लिए जरूरी खबर, रेल मंत्रालय ने साझा किया वेज मील का मेन्यू, जानिए.. क्या है नई कीमतें Indian Railways Veg Meal Price: रेलवे यात्रियों के लिए जरूरी खबर, रेल मंत्रालय ने साझा किया वेज मील का मेन्यू, जानिए.. क्या है नई कीमतें Bihar News: मुहर्रम को लेकर पूरे बिहार में पुलिस अलर्ट, 13,719 जुलूसों पर रहेगी पैनी नजर; संवेदनशील जिलों में विशेष निगरानी Bihar News: मुहर्रम को लेकर पूरे बिहार में पुलिस अलर्ट, 13,719 जुलूसों पर रहेगी पैनी नजर; संवेदनशील जिलों में विशेष निगरानी Bihar Election 2025: बीजेपी में बुजुर्ग विधायकों के टिकट कटने की तैयारी, कई सीटों पर बदल सकता है समीकरण Bihar Election 2025: बीजेपी में बुजुर्ग विधायकों के टिकट कटने की तैयारी, कई सीटों पर बदल सकता है समीकरण Bihar News: समाजसेवी अजय सिंह की बड़ी पहल, सेमरिया में नित्या लाइब्रेरी को दान की सैकड़ों प्रतियोगी पुस्तकें Bihar News: समाजसेवी अजय सिंह की बड़ी पहल, सेमरिया में नित्या लाइब्रेरी को दान की सैकड़ों प्रतियोगी पुस्तकें
28-Dec-2023 07:53 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार में नए राजनीतिक समीकरण को लेकर कई चर्चा चल रही है। विरोधी दल भाजपा इसे सच बता रही है तो महागठबंधन इस महज एक अफवाह बता रही है। ऐसे में आम लोगों में काफी असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
दरअसल, बिहार की राजनीतिक गलियारों में पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा आम हो गई है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का पत्ता अध्यक्ष पद से कट सकता है। जहां भाजपा जैसी पार्टी इसको सच बताती है तो वही महागठबंधन में शामिल अन्य पार्टी के नेता इस बस एक अफवाह बता रहे हैं। ऐसे में इस पूरे प्रकरण को लेकर जनता में काफी भ्रम की स्तिथि उत्पन्न हो गई है। लेकिन, अब उम्मीद की जा रही है कि सच या अफवाह से उत्पन्न इस भ्रम का निवारण शुक्रवार को हो जाएगा। उस दिन नई दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय परिषद और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के अलावा जिला अध्यक्ष ,सांसद, विधायक और परिषद कार्यकारिणी के सदस्य जुट रहे हैं।
बताया जाता है कि, इस बैठक का एजेंडा पार्टी संगठन और लोकसभा चुनाव में पार्टी की भूमिका पर विचार करना है। लेकिन, इस बैठक की घोषणा के साथ ही कई चर्चाएं होने लगी है। जिसमें से दो बातें जो सबसे अधिक सुर्खियों में बना हुआ है। उसमें से पहला यह है कि ललन सिंह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से विदा हो रहे हैं और दूसरा जदयू एक बार फिर एनडीए का अंग बनने जा रहा है। लेकिन, मुख्यमंत्री के करीबी नेता और बिहार सरकार में वित्त मंत्री विजय चौधरी का दावा है कि ऐसा कुछ नहीं है और महागठबंधन एकजुट है। लेकिन वह उतने ही उत्साह से यह दावा नहीं कर पा रहे हैं जितने उत्साह से बाकी चीजों में वह अपनी बातों को रखते हैं।
वहीं, राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि ललन सिंह जदयू -राजद को मिलाकर एक दाल बनाना चाहते हैं। यह भी उस समय जब नीतीश कुमार भले ही यह बोलते हो कि उन्हें किसी पद की इच्छा नहीं है लेकिन इंडिया गठबंधन बनने के बाद उनके कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि उन्हें सम्मानजनक पद दिया जाएगा। सच यह भी है कि ललन सिंह ने कभी जदयू-राजद को मिलाकर एक बनाने को मिलाकर एक दल बनाने की चर्चा सार्वजनिक तौर पर नहीं की है। उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है जिससे उनके और नीतीश कुमार के बीच मतभेद का प्रदर्शन हो। इसके उलट उन्होंने इतना जरूर कहा था कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच विश्वास का अटूट संबंध है।
अगर हम बात करें कि,जदयू से राजद से दूरी की तो इन्वेस्टर मीट सहित कई महत्वपूर्ण योजना में महत्व मुख्यमंत्री उपस्थिति और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति को भी महत्व दिया जा रहा है। तेजस्वी की अनुपस्थिति को लेकर चर्चाएं कुछ अधिक तेज हो गई थी। हालांकि, बाद में वह कई जगह पर मुख्यमंत्री के साथ नजर आए। सबसे बड़ी बात है कि ललन सिंह के पदों को लेकर हो रही चर्चाओं से राजद ने खुद को पूरी तरह से अलग रखा है। राजद के कोई भी बड़े नेता इस मामले में कुछ भी नहीं बोलना चाह रहे हैं।
उधर, महागठबंधन में हो रही कथित उठापटक में भाजपा के हित को देखा जाए तो उसके अनुसार भाजपा चाहती है कि लोकसभा के अगले चुनाव में राजद से उनका सीधा मुकाबला हो। भाजपा के लिए यह काफी हितकारी होगा। इस जिला कौन से नीतीश की इंडिया में वापसी के लिए जगह की खोज हो रही है। क्योंकि भाजपा यह बात अच्छी तरह जानती है कि यदि नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ हैं तो भाजपा की मुश्किलें थोड़ी बढ़ती हुई जरूर दिखेगी।