Bihar Education News: शिक्षा विभाग की महिला IAS अफसर कल से छुट्टी पर, इस अधिकारी को मिला जिम्मा.... BIHAR POLICE : पटना जिले में इस जगह STF और अपराधियों के बीच मुठभेड़, जमकर चली गोलियां;इलाके में हडकंप K.K Pathak : IAS केके पाठक का बढ़ा कद, बिहार से जाते ही केंद्र में मिली बड़ी जिम्मेदारी, PM मोदी के साथ करेंगे यह काम Mohan bhagwat meet modi: दिल्ली में अचानक क्यों PM मोदी से मिलने सरसंघचालक मोहन भागवत, पढ़िए यह खबर BIHAR TEACHER NEWS : नेतागिरी करने वाले गुरु जी पर होगा बड़ा एक्शन, ACS एस सिद्धार्थ ने DEO को लिखा लेटर kamala persad bissessar : बिहार की बेटी ने विदेश में बढ़ाया देश और राज्य का मान, अब एक बार फिर बनने जा रहे प्रधानमंत्री; जानिए क्या है नाम IAS Sanjeev Hans: जेल में बंद IAS संजीव हंस को लेकर एक और बड़ा खुलासा, रामविलास पासवान के PS रहते किया था यह बड़ा कांड Bihar Weather:भीषण गर्मी में ठंड का एहसास! जानिए बिहार में कबतक रहेगा ऐसा मौसम Milk Price Hike: आम आदमी को बड़ा झटका, इस दिन से बढ़ा दिए गए दूध के दाम, अब इतना हुआ भाव मौसी की बेटी से एकतरफा प्यार करने वाले सनकी ने बीच सड़क पर मचाया तांडव, विरोध करने पर चलाई बहन के ऊपर गोली
06-Oct-2024 10:30 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित शिक्षकों को स्कूलों में हेडमास्टर का प्रभार दिए जाने के आदेश पर पटना हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी। इस बीच हाई कोर्ट ने इस मामले पर जवाबी हलफनामा दायर करने का भी आदेश दिया है। इससे पहले भी बिहार के माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से पूर्व में एक आदेश जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में जिन नियोजित शिक्षकों के पास हेडमास्टर का प्रभार है वे तुरंत बीपीएससी से चयनित टीचर को सौंप दें।
दरअसल, जस्टिस नानी तागिया की एकलपीठ ने किशोरी दास द्वारा दाखिल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। बता दें कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा इस आदेश को विगत 4 सितंबर को जारी किया गया था। जिसको लेकर नियोजित शिक्षक कई तरह के सवाल उठा रहे थे। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा इस आशय का एक पत्र जारी किया गया है। जिसके अनुसार राज्य के जिस किसी भी माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कोई भी नियोजित शिक्षक यदि प्रधानाध्यापक के प्रभार में हैं तो वह अविलंब बीपीएससी द्वारा नियुक्त शिक्षक को विद्यालय के प्रधानाध्यापक का प्रभार सौंप दें।
कोर्ट को बताया गया कि बिहार सरकार के शिक्षा निदेशालय ने एक पत्र जारी कर निर्देश दिया था कि राज्य के जिस किसी भी माध्यमिक एवं उच्तर माध्यमिक स्कूल में कोई भी नियोजित शिक्षक प्रधानाध्यापक के प्रभार में है, तो वे अविलंब बीपीएससी से नियुक्त शिक्षक को अपना प्रभार सौंप दें। कोर्ट को यह भी बताया गया कि सरकार ने प्रधानाध्यापकों के पद पर नियमित नियुक्ति करने के लिए जो परीक्षा आयोजित करवाई थी, उसका परिणाम अभी तक नहीं आया है. परिणाम आने के बाद सभी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद स्वयं ही भर जाएगा।
इधर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में नियोजित शिक्षक, जिनका अनुभव 15 से 20 वर्षों का है, उनसे प्रभारी प्रधानाध्यक का पद वापस लेकर बीपीएससी के जरिये आये एक वर्ष से नियुक्त शिक्षकों को देने की बात कही गई है। यह कहां से न्यायोचित है। बीपीएससी द्वारा नियुक्त शिक्षक, जो 1 वर्ष से कार्यरत हैं, जबकि नियमावली के अनुसार माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यक पद के न्यूनतम 8 वर्षों की सेवा अनुभव अनिवार्य है।