मुजफ्फरपुर के SDM को मिली जान से मारने की धमकी, जदयू का पूर्व नेता गिरफ्तार Bihar News: बिहार में टंकी की सफाई के दौरान तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत, दम घुटने से गई जान Bihar News: बिहार में टंकी की सफाई के दौरान तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत, दम घुटने से गई जान Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर फायरिंग, बाल-बाल बचे थानेदार Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर फायरिंग, बाल-बाल बचे थानेदार Bihar News: शिवम हायर एजुकेशन फाउंडेशन और पटेल नर्सिंग कॉलेज में हुआ भव्य स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन Bihar News: कोर्ट में गवाही कराने के लिए बिहार में जल्द शुरू होगी ऑनलाइन एप की सुविधा, लंबित मामलों के निपटारे में आएगी तेजी Bihar News: कोर्ट में गवाही कराने के लिए बिहार में जल्द शुरू होगी ऑनलाइन एप की सुविधा, लंबित मामलों के निपटारे में आएगी तेजी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि समारोह में बिहार की बेटियों ने गाया मैथिली भजन, मुरीद हो गए पीएम मोदी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि समारोह में बिहार की बेटियों ने गाया मैथिली भजन, मुरीद हो गए पीएम मोदी
06-Oct-2024 10:30 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित शिक्षकों को स्कूलों में हेडमास्टर का प्रभार दिए जाने के आदेश पर पटना हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी। इस बीच हाई कोर्ट ने इस मामले पर जवाबी हलफनामा दायर करने का भी आदेश दिया है। इससे पहले भी बिहार के माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से पूर्व में एक आदेश जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में जिन नियोजित शिक्षकों के पास हेडमास्टर का प्रभार है वे तुरंत बीपीएससी से चयनित टीचर को सौंप दें।
दरअसल, जस्टिस नानी तागिया की एकलपीठ ने किशोरी दास द्वारा दाखिल रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। बता दें कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा इस आदेश को विगत 4 सितंबर को जारी किया गया था। जिसको लेकर नियोजित शिक्षक कई तरह के सवाल उठा रहे थे। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा इस आशय का एक पत्र जारी किया गया है। जिसके अनुसार राज्य के जिस किसी भी माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कोई भी नियोजित शिक्षक यदि प्रधानाध्यापक के प्रभार में हैं तो वह अविलंब बीपीएससी द्वारा नियुक्त शिक्षक को विद्यालय के प्रधानाध्यापक का प्रभार सौंप दें।
कोर्ट को बताया गया कि बिहार सरकार के शिक्षा निदेशालय ने एक पत्र जारी कर निर्देश दिया था कि राज्य के जिस किसी भी माध्यमिक एवं उच्तर माध्यमिक स्कूल में कोई भी नियोजित शिक्षक प्रधानाध्यापक के प्रभार में है, तो वे अविलंब बीपीएससी से नियुक्त शिक्षक को अपना प्रभार सौंप दें। कोर्ट को यह भी बताया गया कि सरकार ने प्रधानाध्यापकों के पद पर नियमित नियुक्ति करने के लिए जो परीक्षा आयोजित करवाई थी, उसका परिणाम अभी तक नहीं आया है. परिणाम आने के बाद सभी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद स्वयं ही भर जाएगा।
इधर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में नियोजित शिक्षक, जिनका अनुभव 15 से 20 वर्षों का है, उनसे प्रभारी प्रधानाध्यक का पद वापस लेकर बीपीएससी के जरिये आये एक वर्ष से नियुक्त शिक्षकों को देने की बात कही गई है। यह कहां से न्यायोचित है। बीपीएससी द्वारा नियुक्त शिक्षक, जो 1 वर्ष से कार्यरत हैं, जबकि नियमावली के अनुसार माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यक पद के न्यूनतम 8 वर्षों की सेवा अनुभव अनिवार्य है।