Bihar Politics: ‘बिहार की एनडीए सरकार का इकबाल हुआ खत्म’ गोपाल खेमका की हत्या पर प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश को घेरा Bihar Politics: ‘बिहार की एनडीए सरकार का इकबाल हुआ खत्म’ गोपाल खेमका की हत्या पर प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश को घेरा Gopal Khemka Murder Case: पटना के बेऊर जेल से जुड़े गोपाल खेमका हत्याकांड के तार, SSP के नेतृत्व में 12 थानों की पुलिस कर रही छापेमारी Gopal Khemka Murder Case: पटना के बेऊर जेल से जुड़े गोपाल खेमका हत्याकांड के तार, SSP के नेतृत्व में 12 थानों की पुलिस कर रही छापेमारी शर्मनाक हालत है स्वास्थ्य मंत्री जी..! आपने ही तामझाम के साथ उद्घाटन किया था, हेल्थ सेंटर शुरू होने से पहले ही भवन में आ गई बड़ी-बड़ी दरारें, जांच रिपोर्ट चीख-चीख कर दे रही गवाही Bihar Teacher News: हेडमास्टर है या हैवान? दर्जनभर छात्र-छात्राओं को पीट-पीटकर पहुंचा दिया अस्पताल, परिजनों ने स्कूल में की तालाबंदी Bihar Teacher News: हेडमास्टर है या हैवान? दर्जनभर छात्र-छात्राओं को पीट-पीटकर पहुंचा दिया अस्पताल, परिजनों ने स्कूल में की तालाबंदी Gopal Khemka Net Worth: कितनी संपत्ति के मालिक थे गोपाल खेमका? पटना के बड़े कारोबारियों में थे शुमार बिहार में गुंडों की गोलियां आग उगल रही हैं...यह गुंडाराज नहीं तो और क्या है ? गोपाल खेमका हत्याकांड के बाद कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह का नीतीश सरकार पर बड़ा प्रहार Bihar Crime News: नदी से युवक का शव मिलने से सनसनी, हत्या कर डेड बॉडी फेंकने की आशंका
01-Oct-2020 08:34 PM
PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के ग्रह-दशा लगातार खराब होते जा रहे हैं. लोक जनशक्ति पार्टी का मामला फंसा ही हुआ है कि इसी बीच बड़ी खबर सामने आ रही है. जेडीयू और बीजेपी के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया है. सूत्रों से मिल रही खबर के मुताबिक आज सीटों के बंटवारे पर हुई बैठक में बात यहां तक पहुंच गयी कि अलग होकर चुनाव लडने तक की चर्चा हो गयी.
जेडीयू-बीजेपी में घमासान
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक आज नीतीश कुमार के आवास पर जेडीयू और बीजेपी के नेताओं की बैठक हुई. बीजेंपी की ओर से देवेंद्र फडणवीस, भूपेंद्र यादव और संजय जायसवाल मौजूद थे. वहीं जेडीयू की नुमाइंदगी ललन सिंह और आरसीपी सिंह कर रहे थे. दोनों पार्टियों में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत फंस गयी.
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव की तर्ज पर आधी-आधी सीटों के बंटवारे का फार्मूला रखा है. बीजेपी अपने हिस्से की सीट में से लोक जनशक्ति पार्टी को सीट देने पर राजी है. लेकिन ये अब लभगभग तय हो गया है कि लोक जनशक्ति पार्टी अलग चुनाव लड़ेगी. लिहाजा बीजेपी का पुराना फार्मूला फेल हो गया है. अब नीतीश कुमार इस पर राजी नहीं हैं. नीतीश कुमार की पार्टी अब 2010 के फार्मूले का जिक्र कर रही है. बीजेपी उसे मानने को तैयार नहीं है.
अलग-अलग चुनाव लड़ने तक की चर्चा
बीजेपी के एक बड़े नेता ने बताया कि हाल ये रहा कि बैठक में इस बात पर भी चर्चा होने लगी कि अलग अलग ही चुनाव लड़ लिया जाये. दरअसल दोनों पार्टियों में सीटों की संख्या लेकर ही बात नहीं बन रही है. लेकिन बीजेपी और जेडीयू दोनों पार्टियों की मजबूरी है कि वे साथ मिलकर चुनाव लड़े. लिहाजा बातचीत को जारी रखने का फैसला लिया गया. गुरूवार की देर रात भी दोनों पार्टियों के बीच बातचीत होने की संभवना है.
कई सीटों को लेकर भी जेडीयू-बीजेपी में तकरार
मामला सिर्फ सीटों की संख्या का नहीं है. सूत्रों की मानें तो कई सीटों को लेकर भी जेडीयू-बीजेपी में तकरार है. दरअसल जेडीयू ने कई ऐसी सीटों पर दावा ठोंक दिया है जो परंपरागत तौर पर बीजेपी की सीट रही है. बीजेपी ऐसी सीटों को किसी हालत में छोड़ना नहीं चाहती. लेकिन जेडीयू भी पीछे हटने को तैयार नहीं है.
बीजेपी के एक नेता ने बताया कि ऐसी कई सीटें हैं. उन्होंने उदाहरण के तौर र पटना की पालीगंज सीट का जिक्र किया. दरअसल इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार जीतते रहे हैं. 2015 के चुनाव में यहां से राजद के जयवर्धन यादव चुनाव जीत गये. पिछले महीने नीतीश कुमार ने जयवर्धन यादव को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया. लिहाजा नीतीश कुमांर ने पालीगंज सीट को अपनी सीट बता दिया. उधर बीजेपी की मजबूरी ये है कि इस सीट से भूमिहार उम्मीदवार को खड़ा करती रही है. बीजेपी को लग रहा है कि इस सीट पर अगर भूमिहार उम्मीदवार नहीं दिया तो उसका आधार वोट गड़बड़ हो सकता है.
वैसी ही दूसरी सीट सासाराम की है. सासाराम की सीट लगातार पांच दफे बीजेपी ने जीती है. पिछले चुनाव में वहां से राजद के अशोक कुमार जीत गये. लेकिन चुनाव से पहले जेडीयू ने विधायक अशोक कुमार को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया. अब नीतीश सासाराम सीट को अपनी सीटिंग सीट करार दे रहे हैं. लेकिन बीजेपी अपनी परंपरागत सीट को छोड़ना नहीं चाहती.
बीजेपी के नेता ने बताया कि ऐसी एक दर्जन से ज्यादा सीटें हैं जहां बीजेपी और जेडीयू के बीच भारी विवाद छिड़ा है. दोनों पार्टियों में से कोई भी अपना दावा छोडना नहीं चाह रही. ऐसे में पहले चरण का नामांकन शुरू होने के बाद भी सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है.
हालांकि दोनों पार्टियां जानती हैं कि गठबंधन उनकी मजबूरी है. लिहाजा बीजेपी और जेडीयू को आपसी विवाद सुलझाना ही होगा. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि दोनों पार्टियों में से कौन झुकने को तैयार होता है.